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Calcutta High Court on OBC Certificates: कलकत्ता हाईकोर्ट का ममता बनर्जी सरकार को झटका, 2010 के बाद जारी OBC प्रमाण पत्र रद्द

नई दिल्ली। Calcutta High Court on OBC Certificates: कलकत्ता हाईकोर्ट से बुधवार को ममता सरकार को बड़ा झटका मिला है। अदालत ने 2010 के बाद से जारी किए गए ओबीसी प्रमाण पत्रों को रद्द कर दिया है। जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथा की बेंच ने ओबीसी सर्टिफिकेट देने की प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाया।

 

 

कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि 2010 के बाद जिन लोगों के पास OBC कोटे के तहत नौकरियां हैं या मिलने की प्रक्रिया हैं। उन्हें कोटे से बाहर नहीं किया जाएगा। साथ ही नौकरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

 

हाईकोर्ट के फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मैंने एक न्यायधीश को एक आदेश पारित करते हुए सुना। प्रधानमंत्री इस बारे में कह रहे हैं अल्पसंख्यक तपशीली आरक्षण छीन लेंगे। मैं आदेश नहीं मानूंगी। जिन्होंने आदेश दिया है वह इसे अपने पास रखें। भाजपा की राय हम नहीं मानेंगे। ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा।

 

 

Calcutta High Court on OBC Certificates: पिछड़ा वर्ग आयोग तैयार करेगा नई सूची

 

 

हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि पिछड़े वर्गों की लिस्ट 1993 के नए अधिनियम के अनुसार तैयार की जानी है। सूची पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा तैयार की जाएगी। अदालत ने कहा, ‘जो लोग 2010 से पहले ओबीसी सूची में थे, वे बने रहेंगे।’

 

 

Calcutta High Court on OBC Certificates: क्या है मामला, ओबीसी-ए नाम को लेकर विवाद

 

हाईकोर्ट का कहना है कि 2010 के बाद बनाए ओबीसी प्रमाण पत्र ठीक से नहीं बनाए गए। इसलिए उस सर्टिफिकेट को रद्द किया जाना चाहिए। अदालत ने 2012 में दायर जनहित याचिका पर फैसल सुनाया है। वकील सुदीप्त दासगुप्ता और विक्रम बनर्जी अदालत में पेश हुए। उन्होंने कहा, ‘बंगाल सरकार ने 2010 में अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग बनाया था। उस श्रेणी को ओबीसी-ए नाम दिया गया है।

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