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Breaking : महिला अफसर के ठिकानों से निकले नोटों के अंबार और जेवरों के ढेर..SVT के अधिकारी ने कहा हमारे पास…

गुवाहाटी। असम में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की सबसे बड़ी कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। राज्य की 2019 बैच की महिला सिविल सेवा अधिकारी नूपुर बोरा को विशेष सतर्कता प्रकोष्ठ (SVT) की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। बोरा के ठिकानों पर हुई छापेमारी में अफसरशाही की चमक-दमक के पीछे छुपा काला सच सामने आ गया।

क्या-क्या निकला?

गुवाहाटी स्थित सरकारी आवास से ₹92 लाख नगद, करीब ₹1 करोड़ कीमत के सोने-चांदी के जेवर, वहीं बारपेटा के किराए के घर से ₹10 लाख नकद जब्त किए गए। बैंक खातों और प्रॉपर्टी से जुड़े ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिन्होंने अफसरशाही की सच्चाई को उजागर कर दिया। शुरुआती जांच में करोड़ों के संदिग्ध लेन-देन और अघोषित निवेश का खुलासा हुआ है।

कौन हैं नूपुर बोरा?

31 मार्च 1989 को गोलाघाट में जन्मीं बोरा कभी DIET में लेक्चरर थीं। अंग्रेजी साहित्य की पढ़ाई करने के बाद सिविल सेवा में आईं और तेज तर्रार अफसर की पहचान बनाई। करबी अंगलां, बरपेटा और कमरूप में बतौर अधिकारी तैनात रहीं। लेकिन अब वही पहचान भ्रष्टाचार के साए में धुंधली पड़ गई है।

6 महीने की गुप्त निगरानी का नतीजा

SVT टीम ने बोरा की हर गतिविधि पर पिछले 6 महीने से पैनी नजर रखी। विवादित जमीन सौदे और अचानक बढ़ती संपत्ति ने शक को पुख्ता किया। आखिरकार कार्रवाई का बिगुल बजा और करोड़ों की गड्डियां बाहर आ गईं।

आय से अधिक संपत्ति का केस तय!

सरकारी तनख्वाह की तुलना में बोरा की संपत्ति ने सभी को हैरान कर दिया है। अब आयकर विभाग और ED भी इस मामले में उतर सकते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग तक की जांच का रास्ता खुल चुका है।

सुरजीत डेका पर भी शिकंजा

बोरा के करीबी लाट मंडल सुरजीत डेका के घर पर भी छापा पड़ा। आरोप है कि बोरा की मदद से डेका ने जमीनों पर साम्राज्य खड़ा किया। काली कमाई के दस्तावेज उनके घर से भी मिले हैं।

SVT के अधिकारी ने साफ कहा—“हमारे पास पुख्ता सबूत हैं, काले धन का हर धागा सुलझाया जाएगा।”

बोरा की गिरफ्तारी ने असम की अफसरशाही की जड़ों को हिला दिया है। अब हर दफ्तर में एक ही सवाल गूंज रहा है—“और कितने अफसरों के घरों में छुपे हैं नोटों के पहाड़?”

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