
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के डभरा थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक आरक्षक ने टीआई बनकर वाहन चालकों से अवैध वसूली की। मौके पर पहुंचे डभरा टीआई ने इस पूरे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश करते हुए आरोपी आरक्षक को रंगे हाथों गिरफ्तार कराया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किया गया आरक्षक रजनीश लहरे वर्तमान में बिलासपुर पुलिस लाइन में पदस्थ है और हाल ही में उसकी ड्यूटी एक बंदी की सुरक्षा में बिलासपुर के अस्पताल में लगाई गई थी। लेकिन उसकी लापरवाही के चलते वह बंदी अस्पताल से फरार हो गया। फरार बंदी की तलाश के नाम पर रजनीश लहरे सक्ती जिले के हसौद क्षेत्र पहुंचा, लेकिन वहां अपराधी को खोजने की बजाय उसने डभरा-चंद्रपुर मार्ग पर खुद को टीआई बताकर अवैध वसूली शुरू कर दी।
डभरा टीआई जब गश्त पर थे, तो उन्होंने देखा कि सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं। पास जाकर जांच की तो पाया कि एक बोलेरो वाहन में बैठे तीन लोगों में से एक-रजनीश लहरे-खुद को टीआई बताकर वाहन चालकों से कागजात मांग रहा था और धमकाकर पैसे ऐंठ रहा था।
डभरा पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरक्षक रजनीश लहरे और उसके साथी विक्की उर्फ छोटू दास को गिरफ्तार कर लिया। तीसरा आरोपी मौके से फरार हो गया। अवैध वसूली में प्रयुक्त बोलेरो वाहन भी पुलिस ने जब्त कर लिया है।
बलौदाबाजार निवासी ड्राइवर जीवन साहू ने पुलिस को बताया कि वह रायगढ़ से सब्जी लेकर आ रहा था, जब पुटीडीह नाले के पास सायरन बजाकर एक बोलेरो वाहन ने उसे रोका और खुद को पुलिस अधिकारी बताकर गाड़ी के कागज दिखाने को कहा। जांच के बहाने उसे धमकाकर एक हजार रुपये वसूले गए।