
कोरबा। कोरबा नगरीय निकाय चुनाव में अलग-अलग वार्डों से भाजपा के टिकट पर 45 पार्षद चुनाव जीते। इसके बाद भी पार्टी नगर निगम में अपना सभापति नहीं बना सकी। इसके क्या कारण है? इससे जानने के लिए भाजपा की तीन सदस्यीय कमेटी रायपुर से कोरबा पहुंची। कमेटी के सदस्यों ने जिला स्तरीय कोर कमेटी और पार्षदों के साथ लगभग पांच घंटे तक बंद कमरे में चर्चा की। जांच दल ने कहा कि दीवारों के भी कान होते है। फिलहाल चुनाव हराने के लिए षड्यंत्र रचने वाले का नाम सामने नही आया है। जल्दी ही अब नाम उजागर होने की बात कही जा रही है।
यह जानने का प्रयास किया कि पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की हार के लिए कौन जिम्मेदार रहा? पांच घंटे तक इस विषय पर मंथन हुआ लेकिन हार के लिए जिम्मेदार नेताओं का नाम सामने नहीं आया, बल्कि पार्षदों की ओर से बताया गया कि उन्होंने हितानंद अग्रवाल के पक्ष में ही वोट किया है। एक-दो पार्षदों ने यह बताने का प्रयास किया कि अधिकृत प्रत्याशी की हार के लिए भ्रम की स्थिति जिम्मेदार रही। बात यहां तक पहुंच गई कि जांच टीम में शामिल भाजपा के एक वरिष्ठ नेता को यह कहना पड़ा कि दीवारें भी बोलती हैं और षड्यंत्र हुआ है इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
हितानंद अग्रवाल की हार के बाद भाजपा में अंदरूनी कलह
सभापति पद के लिए पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल की हार के बाद भाजपा में अंदरूनी कलह मचा हुआ है। इसकी गूंज कोरबा के अलावा राजधानी रायपुर में भी सुनाई दे रही है। पार्टी के प्रत्याशी की हार क्यों हुई? इसे जानने के लिए भाजपा ने तीन सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है।
इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता गौरशंकर अग्रवाल, अकलतरा क्षेत्र से भाजपा नेता रजनीश सिंह और जगदलपुर क्षेत्र से भाजपा के पदाधिकारी श्रीनवास को शामिल किया गया है। मंगलवार को तीन सदस्यीय टीम कोरबा पहुंची। दोपहर लगभग 2.30 से 2.45 बजे के बीच टीम के सदस्य ट्रांसपोर्ट नगर स्थित भाजपा कार्यालय पहुंची। टीम के सदस्यों ने पार्टी कार्यालय परिसर स्थित पुस्तकालय कक्ष में जिला कोर कमेटी के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की।