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DMF घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, 350 करोड़ की फंड हेराफेरी का खुलासा

रायपुर। छत्तीसगढ़ में डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) फंड से जुड़े 350 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की है। 3 सितंबर को ठेकेदारों और कृषि कारोबारियों के 28 ठिकानों पर की गई छापेमारी में ईडी ने चार करोड़ रुपये नकद, 10 किलो चांदी के जेवर और कई आपत्तिजनक दस्तावेज व डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं।

ईडी की ओर से शनिवार को जारी बयान के अनुसार, जांच में सामने आया कि डीएमएफ फंड का उपयोग छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड (बीज निगम) के माध्यम से किया गया। बीज निगम के अधिकारियों ने कुछ विक्रेताओं और ठेकेदारों को कृषि उपकरणों की आपूर्ति के नाम पर लाभ पहुंचाया।

कमीशन का खुलासा

जांच में यह भी पता चला कि मिनी दाल मिल, बीज और कृषि उपकरणों की आपूर्ति से जुड़ी कंपनियों से अनुबंध मूल्य का 60% तक कमीशन रिश्वत के रूप में वसूला गया। यह रकम बिचौलियों के जरिए अधिकारियों और सहयोगियों तक पहुंचाई गई।

अब तक ईडी ने 21.47 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की है। रायपुर स्थित विशेष पीएमएलए न्यायालय में 16 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत भी दर्ज की गई है। इसमें निलंबित आईएएस रानू साहू, राज्य सेवा अधिकारी माया वारियर और मनोज कुमार द्विवेदी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। रानू साहू फिलहाल अंतरिम जमानत पर राज्य से बाहर हैं।

इन जगहों पर हुई छापेमारी

तीन सितंबर की सुबह पांच बजे शुरू हुई कार्रवाई में ईडी की कई टीमों ने रायपुर, दुर्ग और महासमुंद जिलों में छापे मारे।
रायपुर में शंकरनगर स्थित कृषि कारोबारी विनय गर्ग, स्वर्णभूमि कॉलोनी के होटल व्यवसायी मनीदीप चावला, ला विस्टा कॉलोनी अमलीडीह में पवन पोद्दार और सतपाल छाबड़ा के आवासों पर तलाशी ली गई।
दुर्ग में अन्ना भूमि ग्रीनटेक प्रा. लि. के डायरेक्टर शिवकुमार मोदी और सीए आदित्य दिनोदिया के यहां छापा पड़ा। वहीं राजिम-महासमुंद मार्ग पर कृषि उपकरण सप्लायर उगम राज कोठारी के घर और दुकान को भी ईडी ने सील कर दिया।

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