Bad Condition of NH : गड्ढों का नहीं…‘ट्रेंच वॉर ज़ोन’ का हाईवे बन गया…बिलासपुर-पेंड्रा हाईवे की दुर्दशा पर मजेदार चुटकुलों और मीम्स की बरसात
पहली बारिश ने ही कर दी NH‑45 की हालत दयनीय

बिलासपुर, 14 जुलाई। Bad Condition of NH : राष्ट्रीय राजमार्ग 45 यानि बिलासपुर–पेंड्रा–जबलपुर मार्ग की जर्जर हालत, अब स्थानीय नागरिकों का गुस्सा बढ़ा रही है और सोशल मीडिया पर मीम्स, व्यंग्य और वीडियो के माध्यम से विरोध उभरकर सामने आया है।
सोशल मीडिया और व्यंग्य- ‘शोले’ के मीम की बहस
स्थानीय इंटरनेट प्लेटफॉर्म्स (जैसे X, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर मीम्स वायरल हो रहे हैं जहाँ अमिताभ बच्चन धर्मेंद्र की गोद में पड़े दिखते हैं और संवाद आता है: “मैं बिलासपुर से पेंड्रा गया था…” इस संवाद ने सड़क की बदहाली को शानदार व्यंग्य के साथ पेश किया। एक यूजर ने लिखा: “NH‑45 नहीं, ये तो ‘ट्रैक्टर टेस्टिंग रूट’ है।” वहीं किसी अन्य ने पूछा: “गड्ढे पूछ रहे हैं—सड़क में हम हैं या हममें सड़क है?” ये मीम्स सीधे सड़क की सुस्ती और निर्माण की घटिया गुणवत्ता पर कटाक्ष कर रहे हैं।
प्रश्न उठता है: “कब बनेगी ये सड़क?” लोग मांग कर रहे हैं कि अब यह मुद्दा सिर्फ सोशल मीडिया पर नहीं, बल्कि जमीन पर सुधार के रूप में दिखना चाहिए।
सड़क की जर्जर स्थिति
इस हाईवे का एक हिस्सा अभी तीन महीने पहले पूरा हुआ था, पर पहली मूसलाधार बारिश में ही तीन स्थानों पर यह बह गया, जिससे डामर, शोल्डर और फिलिंग क्षतिग्रस्त हो गईं। NHAI पर घटिया निर्माण का आरोप लगाया जा रहा है और स्थानीय लोग गहन जांच और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।
जोगीसार और कारीआम के पास मार्ग टूट गया, एक जगह 15‑फीट गहरा गड्ढा बन गया, जिससे प्रशासन ने उस हिस्से को बंद कर वैकल्पिक मार्ग सुझाया।
निर्माण कार्य महीनों से अधूरा पड़ा है। बारिश के चलते बायपास डाम हुआ, डायवर्जन मार्ग जाम और कीचड़ की स्थिति से यातायात ठप हो गया है।
हाल ही में 10 जुलाई 2025 को नौ बजे सुबह कारीआम गाँव के पास फिर से लंबा जाम लग गया; सैकड़ों वाहन फंसे, यात्री बसें और मालवाहक गाड़ियों को खासी परेशानी हुई।
55 किमी के एक खंड में 45 दरारें सामने आईं; फिलहाल इन दरारों को सॉल्यूशन और सीमेंट से अस्थायी पेंचवर्क से भरा जा रहा है, जो टिकाऊ नहीं माना जा रहा है।
वर्तमान स्थिति और मांगें
मुद्दा | परिस्थितियाँ |
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निर्माण का समय | करीब 3 महीने पहले शुरू, बारिश में गड्ढा व बहाव, निर्माण अधूरा |
प्रभाव | बड़े गड्ढे (15 फीट तक), जाम, वाहनों का नुकसान, यात्रियों को जोखिम |
प्रशासनिक प्रतिक्रिया | वैकल्पिक मार्ग सुझाए गए, लेकिन मरम्मत स्थाई रूप से नहीं हुई |
लोक प्रतिक्रिया | सोशल मीडिया पर व्यंग्य एवं तीखा विरोध; रास्ते की गुणवत्ता पर सवाल |
मांग | समय-bound मरम्मत, निर्माण एजेंसी को जवाबदेही के दायरे में लाना |
आगे क्या होना चाहिए?
सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर जवाबदेही तय करने तथा दोषियों पर कार्रवाई की मांग भड़क रही है।
स्थायी मरम्मत के अभाव में, यह जिला-राज्य दोनों के लिए संपर्क संबंधी गंभीर समस्या बन चुका है।
साइबर विरोध और मीम्स सीधे प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं और इसे ध्यान देने योग्य मामला बना रहे हैं।
इस पूरे प्रकरण में सड़क की बदहाली, नागरिकों का गुस्सा, सोशल मीडिया ट्रेंड्स, और प्रशासन की निष्क्रियता तीन तलाक की तरह एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।