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30 साल बाद कर्मफल दाता शनि ने बनाया शक्तिशाली केंद्र त्रिकोण राजयोग, इन राशियों को मिलेगा किस्मत का साथ, आकस्मिक धन लाभ के योग

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को कर्मफल दाता, न्याय के देवता माना जाता है, क्योंकि वह जातकों को उनके कर्मां के हिसाब से फल देते हैं। बता दें कि हर ढाई साल में राशि परिवर्तन करते है जिसका असर 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य दिखता है। शनि मार्च 2025 में अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ राशि से निकलकर गुरु की राशि मीन राशि में प्रवेश कर गए हैं। जहां पर जून 2027 तक रहने वाले हैं। शनि के मीन राशि में रहने से वह केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। इस राजयोग का निर्माण होने से कुछ राशि के जातकों को किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। आइए जानते हैं इन लकी राशियों के बारे में…

 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में केंद्र त्रिकोण योग तब बनता है जब कुंडली के केंद्र भाव जैसे 4, 7, 10 और 3 त्रिकोण भाव जैसे 1, 5, 9 जब आपस में युति, दृष्टि संबंध अथवा राशि परिवर्तन करते हैं, तो इस योग का निर्माण होता है। बता दें शनि मिथुन राशि में त्रिकोण और भाग्य भाव के स्वामी होकर के केंद्र के भाव में गोचर रहे हैं। जिसके कारण केंद्र त्रिकोण राजयोग का निर्माण हो रहा है।

 

वृश्चिक राशि (Scorpio Zodiac)

इस राशि के जातकों के लिए शनि का केंद्र त्रिकोण योग कई क्षेत्रों में लाभकारी हो सकता है। इस राशि में शनि महाराज पंचम भाव में विराजमान है। इसके साथ ही शनि की दृष्टि सप्तम, एकादश भाव और द्वितीय भाव पर पड़ रही है। ऐसे में इस राशि के जातकों को व्यापार में काफी लाभ मिल सकता है। कोई नया बिजनेस आरंभ करने की सोच रहे हैं, तो इस अवधि में करना लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा एकादश भाव पर शनि की दृष्टि होने से आय में वृद्धि होगी, लेकिन हो सकता है कि इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी हो। इसके अलावा भविष्य के लिए धन संचित करने में भी कामयाब हो सकते हैं। इस राशि की शनि की ढैया भी समाप्त हो चुती है। ऐासे में इस राशि के जातकों का जीवन धीरे-धीरे पटरी पर आ सकता है। शिक्षा के लिहाज से भी केंद्र त्रिकोण राजयोग लाभकारी हो सकता है। कठोर परिश्रम का आपको फल मिल सकता है। शनि महाराज लॉटरी, जुआ और सट्टे से दूरी रखने की सलाह देते हैं। लेकिन शेयर बाजार में जुड़े लोग लाभ की स्थिति में रहेंगे।

मकर राशि (Capricorn Zodiac)

शनि महाराज इस राशि के तीसरे भाव में विराजमान है। इसके साथ ही शनि की तीसरी दृष्टि पंचम भाव पर, सातवीं दृष्टि नवम भाव पर और दसवीं दृष्टि 12वें भाव पर पड़ रही है। इसके साथ ही इस राशि के जातकों को शनि साढ़े साती से मुक्ति भी मिल गई है। शनि के प्रभाव से जीवन में धीरे-धीरे खुशियों की दस्तक हो सकती है। लंबे समय से रुके काम एक बार फिर से आरंभ हो सकता है। इसके साथ ही विदेश में व्यापार, नौकरी आदि के द्वारा अच्छा लाभ कमा सकते हैं। आकस्मिक धन लाभ के भी योग बन रहे हैं। आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और ऊर्जा में तेजी से बढ़ोतरी हो सकती है। परिवार के साथ अच्छा वक्त बीत सकता है। बेकार के खर्चों से निजात मिलेगी। ऐसे में आप अच्छा खासा पैसा कमाने में सफल हो सकते हैं। नया बिजनेस आरंभ करना चाहते हैं, तो इस अवधि में आपको अच्छा खासा लाभ मिल सकता है।

तुला राशि (Libra Zodiac)

इस राशि के जातकों की कुंडली में शनि महाराज छठे भाव में विराजमान है। इसके साथ ही उनकी दृष्टि आठवें, बारहवें और तीसरे भाव पर पड़ रही है। ऐसे में इस राशि के जातकों के लिए केंद्र त्रिकोण योग प्रबल योगकारक हो सकता है। इस राशि के जातकों को शिक्षा के क्षेत्र में काफी लाभ मिल सकता है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे जातकों को काफी लाभ मिल सकता है। इसके साथ ही नई नौकरी तलाश रहे जातकों को भी काफी लाभ मिल सकता है। नौकरी पाने की इच्छा रखने वाले जातकों को विशेषकर विदेश में या मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी के अच्छे अवसर मिल सकते हैं। इसके अलावा शनि के कारण आप स्वतंत्र रूप से स्टार्टअप या व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। वाहन, प्रॉपर्टी आदि खरीदने का सपना पूरा हो सकता है। आकस्मिक धन लाभ भी मिल सकता है।रियल एस्टेट, प्रॉपर्टी डीलिंग, कंस्ट्रक्शन, बिल्डिंग मटेरियल, ऑटोमोबाइल, ट्रांसपोर्ट, मेटल्स, केमिकल्स, मेडिकल, स्क्रैप, कोयला, लेदर आदि में व्यवसाय करने वालों को शनि लाभ देंगे। इसके साथ ही यदि आपका कोई पैसा फंसा हुआ है, तो वह वापस मिलने की संभावना भी बन रही है।

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