न्यूज डेस्क। उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी शुक्रवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में आयोजित एक कार्यक्रम में भावुक हो गए। जोशी ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं सेना में एक सिपाही हूं। जब मैं विधायक बना तो मंत्री पद के लिए मेरा नाम भी चर्चा में था, लेकिन मेरा चयन नहीं हुआ। फिर मैं अमित शाह जी से मिलने आया।
जोशी ने कहा कि शाह ने मुझसे पूछा कि क्या आप ठीक हैं। मैंने कहा, ‘सर मैं ठीक हूं लेकिन मेरा कोई गॉड फादर नहीं है।’ मुझे उम्मीद है कि आप (शाह) इसे याद रखेंगे।
उन्होंने कहा कि शाह ने उनसे कहा था कि जब भी राज्य में मंत्रिमंडल का विस्तार होगा, उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। जोशी ने कहा, “मेरे पास शब्द नहीं हैं, क्योंकि आज मेरे जैसा छोटा व्यक्ति आपके (शाह) साथ बैठा है।”
उत्तराखंड की राजनीति में बीते एक दशक में गणेश जोशी ने अपनी पहचान स्थापित की। देहरादून की दो विधानसभाओं से लगातार तीन बार से विधायक निर्वाचित हो रहे गणेश जोशी वर्तमान में उत्तराखंड की राजनीति का प्रमुख चेहरा बन गए हैं। 2021 में हुए कैबिनेट विस्तार में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने गणेश जोशी को कैबिनेट मंत्री बनाया था, लेकिन गणेश जोशी का यह सियासी सफर इतना आसान नहीं रहा है।
25 फरवरी, 1958 को मेरठ में हुआ था जन्म
उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी का जन्म 25 फरवरी 1958 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था। यहां उनके पिता स्वर्गीय श्याम दत्त जोशी भारतीय सेना के जवान के रूप में तैनात थे। पांच भाई-बहनों में दूसरे गणेश जोशी का बचपन मेरठ, हरिद्वार और देहरादून में बीता। उन्होंने डीएवी इंटर कॉलेज से पढ़ाई पूरी की। पिता की तरह देश सेवा का जज्बा लेकर गणेश जोशी ने भी गढ़वाल राइफल रेजीमेंट में एक सैनिक के रूप में काम किया। 1983 में उन्होंने अस्वस्थता के कारण स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।