कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा जीएम ने अपने आदेश से यू टर्न मारते हुए 29 जुलाई जारी आदेश को शून्य घोषित कर दिया है। प्रबंधन द्वारा अपने कर्तव्यनिष्ठ माइनिंग ऑफिसर की दुःखद मृत्यु को मजाक अपनी कुर्सी बचाने के लिए मजाक उड़ाने का विषय बनाकर अपनी चूक का ठीकरा फोड़ने के लिए एक नए सिर की तलाश कर रहे कर रहे हैं।
बता दें कि एसईसीएल कुसमुण्डा के जीएम ने सहायक प्रबंधक जितेंद्र नागरकर की मौत के लिए मृतक को ही दोषी ठहराते हुए 28 जुलाई को एक आदेश जारी किया था। आदेश वायरल होते ही NEWS POWER ZONE ने समाचार प्रकाशित करते हुए प्रबंधन की स्वार्थ सिद्धि को प्रमुखता से प्रकाशित किया। समाचार प्रकाशन के बाद जीएम ने पुनः एक संसोधित आदेश जारी करते हुए पूर्व में जारी पत्र को शून्य घोषित कर दिया।
कुर्सी बचाने के लिए प्रबंधन लिया था मोबाईल गेम का आसरा
सहायक प्रबंधक के असमय मृत्यु की आगोश में समा जाने का कारण उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रबंधन का दबाव मुख्य कारण माना जा रहा है। सूत्रों की माने तो अगर लगातार हो रही बारिश के बीच प्रबंधन का दबाव नहीं होता तो कोई खदान के भीतर तक नहीं जाता और नहीं यह दुर्घटना हुई होती।
मोबाईल डाटा से मिलेगी वस्तुस्थिति की जानकारी
स्वर्गीय सहायक प्रबंधक मोबाईल फोन पर गेम खेल रहे थे या सहायता के लिए प्रबंधन को गुहार लगा रहे थे यह सब सच मोबाईल फोन के डाटा कलेक्शन से स्पष्ट हो जाएगा। यह भी स्पष्ट हो जायेगा कि प्रबंधन अपनी कुर्सी बचाने के लिए झूठ बोल रहा है..?