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NET paper leak case: सीएसआईआर-नेट पेपर लीक मामले में सॉल्वर गैंग के 7 आरोपी गिरफ्तार, हरियाणा से हो रहा था ऑपरेट

नई दिल्ली/मेरठ। NET paper leak case: सीएसआईआर-नेट परीक्षा पेपर लीक मामले में यूपी की विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की एक टीम ने सीएसआईआर-नेट परीक्षा के लिए सॉल्वर उपलब्ध कराने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया और इसमें शामिल सात लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार किए गए लोगों में विश्वविद्यालय के प्रमुख कर्मी और चार आवेदक शामिल हैं।

 

NET paper leak case: एसटीएफ को सूचना मिली थी कि इस गिरोह के सदस्य परीक्षार्थियों से भारी रकम लेकर उन्हें ऑनलाइन सॉल्वर की सुविधा प्रदान कर रहे थे, जिससे वे अपने प्रश्नपत्र हल करा सकते थे। जिसके बाद एएसपी ब्रजेश कुमार सिंह के निर्देश पर एसटीएफ टीम ने मेरठ में सुभारती विश्वविद्यालय के विधि विभाग की कंप्यूटर लैब पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान टीम ने एक लैपटॉप, पांच सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू), दो बूटेबल पेनड्राइव, चार सीएसआईआर-यूजीसी नेट परीक्षा पहचान पत्र, तीन मोबाइल फोन, तीन आधार कार्ड, दो पैन कार्ड और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए।

 

NET paper leak case: स्कूल के प्रिंसिपल ने पेपर चुराए और एमबीबीएस छात्रों ने साल्व ​कराया

 

सीबीआई ने खुलासा किया कि हजारीबाग स्कूल के प्रिंसिपल और मास्टरमाइंड ने पेपर चुराए और एमबीबीएस छात्रों ने उन्हें हल किया। पकड़े गए लोगों में सुभारती विश्वविद्यालय के आईटी मैनेजर अरुण शर्मा, कंप्यूटर लैब असिस्टेंट विनीत कुमार और ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी एनएसईआईटी के सर्वर ऑपरेटर अंकुर सैनी शामिल हैं। गिरफ्तार किए गए चार आवेदकों की पहचान अंकित, तमन्ना, मोनिका और ज्योति के रूप में की गई है, जो सभी हरियाणा के निवासी हैं।

 

NET paper leak case: जांच में पता चला कि अरुण शर्मा ने अपने कमरे में एक समानांतर प्रणाली स्थापित की थी और एनएसईआईटी कंपनी के सर्वर ऑपरेटर अंकुर सैनी तथा लैब असिस्टेंट विनीत कुमार की मदद से परीक्षा सर्वर तक अनधिकृत पहुंच प्राप्त की। इसके बाद, परीक्षा की फाइलें हरियाणा में अजय नामक एक साथी के साथ साझा की गईं, जिसने सॉल्वरों का प्रबंध किया और आवेदकों को हल वापस भेजा जिन्होंने इस अवैध सेवा के लिए भुगतान किया था।

 

NET paper leak case: वित्तीय व्यवस्था के अनुसार, अरुण शर्मा को प्रति पेपर 50,000 रुपए, जबकि अंकुर सैनी और विनीत कुमार को 10-10 हजार रुपए का भुगतान किया गया। गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है और गिरफ्तार लोगों के खिलाफ जिले के जानी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 318(2)/338/336(3)/61(2) और 111/3 तथा यूपी सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की धारा 3/5/7/9/10 और आईटी एक्ट की धारा 66(डी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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