नई दिल्ली। Parliament Session 2024: लोकसभा चुनाव के बाद संसद का पहला सत्र सोमवार 24 जून से शुरू हो रहा है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित नव-निर्वाचित सांसद शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई। महताब नए स्पीकर के नियुक्त हाेने तक इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगे। सत्र पहले दिन सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी समेत 280 सांसद शपथ लेंगे। दूसरे दिन 264 सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी। सत्र 3 जुलाई को समाप्त होगा।
Parliament Session 2024: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडिया ब्लॉक के सभी सांसद एक साथ लोकसभा में एंट्री लेंगे। विपक्ष के सभी सांसद वहीं एकजुट होंगे, जहां पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा रखी गई थी। सभी विपक्षी सांसद अपने साथ एक संविधान की प्रति लेकर संसद भवन पहुंचेंगे।
Parliament Session 2024: कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक में शामिल पार्टियां सात बार के सांसद महताब को प्रोटेम स्पीकार बनाए जाने से नाराज है। इंडिया ब्लॉक के सांसदों का कहना है कि यह नियुक्ति परंपरा को तोड़कर की गई है। 8 बार के कांग्रेस सांसद के सुरेश की जगह 7 बार के बीजेपी सांसद भ्रातृहरि मेहताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है।
Parliament Session 2024: 26 जून को होगा लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव
लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होगा। जब तक नया अध्यक्ष नहीं चुना जाता, प्रो-टेम स्पीकर लोकसभा के पहले कुछ सत्रों की अध्यक्षता करेंगे और नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए चुनाव करवाएंगे। अध्यक्ष का चुनाव साधारण बहुमत से होता है, जिसका मतलब है कि भाजपा द्वारा चुने गए व्यक्ति के असफल होने की संभावना कम है। नए अध्यक्ष के चुने जाने के बाद प्रो-टेम स्पीकर का पद समाप्त हो जाता है, जिससे सत्र के बाकी हिस्सों में स्थिरता बनी रहती है।
Parliament Session 2024: राष्ट्रपति का संबोधन 27 जून को
BJP MP Bhartruhari Mahtab takes oath as pro-tem Speaker
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— ANI Digital (@ani_digital) June 24, 2024
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 27 जून को लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। वह अगले पांच साल के लिए नई सरकार का रोडमैप बता सकती हैं। यह संबोधन महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह सरकार की प्राथमिकताओं और योजनाओं को स्पष्ट करेगा। राष्ट्रपति का संबोधन आमतौर पर सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत करता है और सांसदों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि आने वाले समय में क्या अपेक्षित है।