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Korba : सिर्फ चार दिन का बचा है कोयला स्टाक..बंद हो सकता है HTPP प्लांट…

प्रतीकात्मक तस्वीर

 

कोरबा । हसदेव ताप विद्युत संयंत्र में पर्याप्त कोयला आपूर्ति नहीं होने से स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। प्रतिदिन खपत के अनुरूप कोयला नहीं मिलने से स्टाक का कोयला उपयोग किया जा रहा है। इससे वर्तमान में कोयला स्टाक घट कर मात्र 95 हजार टन रहा गया है। जबकि तीन लाख टन होना चाहिए।

 

विद्युत उत्पादन कंपनी के कोरबा पश्चिम स्थित हसदेव ताप विद्युत संयंत्र (एचटीपीपी) में 210 मेगावाट की चार तथा 500 मेगावाट की एक इकाइ संचालित है। संयंत्र में एसईसीएल की कुसमुंडा खदान से कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से कोयला आपूर्ति किया जाता है। सभी इकाइयों के परिचालन में रहने पर संयंत्र में प्रतिदिन 20 से 21 हजार टन कोयला की खपत होती है। कन्वेयर बेल्ट से भी 22 से 23 हजार कोयला संयंत्र को आपूर्ति किया जाता है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से संयंत्र में नियमित रूप से कोयला आपूर्ति नहीं किया जा रहा है। मांग के अनुरूप कोयला की आपूर्ति 17 से 18 हजार टन हो रही है। प्रबंधन को स्टाक से कोयला खपत करना पड़ रहा है। इससे स्टाक में कोयला घट कर 95 हजार टन रहा गया है। नियमत: संयंत्र में 15 दिन का कोयला स्टाक में रहना चाहिए। मात्र चार दिन कोयला होने से प्रबंधन चिंतित हो उठा है और इसके लिए एसईसीएल प्रबंधन से वार्ता कर रहा है, पर एसईसीएल द्वारा सकारात्मक पहल नहीं की जा रही है। विद्युत कंपनी प्रबंधन का कहना है कि कोयला आपूर्ति नहीं बढा़ई गई तो संयंत्र की इकाइयों को बंद करने की स्थिति निर्मित हो सकती है।

कम लोड पर चल रही इकाइयां

एचटीपीपी संयंत्र की सभी इकाइयों को कम लोड पर चलाया जा रहा है। 1340 मेगावाट के इस संयंत्र से 977 मेगावाट बिजली उत्पन्न हो रही है। वहीं 500 मेगावाट के डीएसपीएम संयंत्र से 421, मड़वा संयंत्र से एक हजार के स्थान पर 784 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है। इस तरह विद्युत कंपनी के पास आइपीपी व सीपीपी मिलाकर कुल 2,365 मेगावाट बिजली है। मौसम में आए बदलाव की वजह से बिजली की मांग में गिरावट आई है और पीक अवर्स में 4,900 मेगावाट की मांग बनी हुई है। सेंट्रल सेक्टर से आबंटित कोटे की बिजली लेकर उपभोक्ताओं को प्रदान की जा रही है। इस वजह से विद्युत संकट की स्थिति निर्मित नहीं हुई।

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