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राजनीति से फिल्मी सितारों का हो रहा मोहभंग? चुनाव प्रचार से बना रहे दूरी

नई दिल्ली। चुनाव आते ही राजनीति की सरगर्मियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए नेता ही नहीं बल्कि फिल्मी सितारे भी चुनाव प्रचार में नजर आ जाते हैं। ​दक्षिण भारत में तमिलनाडु की राजनीति में फिल्मी सितारों की अहम भूमिका रही है।

इस राज्य में कई फिल्मी सितारों ने फिल्मों के बाद राजनीति का दामन थामा और राजनीतिक पारी की शुरुआत भी की। आगे जाकर ऐसे सितारों को सफलता भी मिली। वहीं बड़े-बड़े स्टार्स राजनीतिक पार्टियों के लिए चुनाव प्रचार भी करते आए हैं। हालांकि अब इस ट्रेंड में बदलाव देखा जा रहा है।

चुनाव आयोग ने तमिलनाडु के लिए 684 ‘स्टार कैंपेनर’ की सूची जारी की है, इनमें गिने चुने फिल्मी सितारों के ही नाम हैं। वहीं कई फिल्मी हस्तियां ऐसी हैं, जो अब राजनीति में एंट्री कर चुकी हैं। तमिलनाडु में चुनाव प्रचार की बात की जाए तो चुनावी कैंपेन के लिए कभी फिल्मी सितारों की काफी डिमांड रहा करती थी। वोटरों को लुभाने के लिए कई राजनीतिक पार्टियां इन सितारों का उपयोग प्रचार के लिए करती आई हैं।

 

साल 2019 में मदुरै से सीपीएम उम्मीदवार के लिए तमिल सिनेमा के कई सितारों ने प्रचार किया था। इनमें रोहिणी मोलेटी, समुथिरकानी, वैयापुरी और निर्देशक कारू पलानीअप्पन जैसे नाम शामिल हैं।

प्रचार के लिए मिलती थी अच्छी धनराशि
वहीं जयललिता के समय में भी स्टार्स उनकी पार्टी एआईडीएमके (अन्नाद्रमुक)के लिए चुनावी कैंपेन किया करते थे। अंग्रेजी समाचार पत्र ‘दि टाइम्स ऑफ इंडिया’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट में अन्नाद्रमुक के एक नेता के हवाले से बताया गया है कि तब पार्टी उन स्टार प्रचारकों को अच्छा-खासा भुगतान करती थी, जो जोरशोर से चुनाव प्रचार किया करते थे।

हालांकि रिपोर्ट में तमिल अभिनेत्री खुशबू जो कि राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी हैं, वे कहती हैं ‘चुनावी कैंपेन पैसे के लिए नहीं था। कलैगनर और जयललिता जैसे करिश्माई नेता बड़े सितारों को फोन करते थे और कोई भी मना नहीं कर सकता था।”

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