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IAF Operation Thunderbold: आधी रात करगिल एयरस्ट्रिप पर C-130 J एयरक्राफ्ट की नाइट लैंडिंग, रडार को चकमा देकर उतार दिए गरुण कमांडो, देखें Video

नई दिल्ली। IAF Operation Thunderbold: भारतीय वायुसेना (IAF) ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ जाएगी। IAF ने कारगिल के एयर स्ट्रीप पर अपने C-130 J एयरक्राफ्ट की सफल नाइट लैंडिंग कराई। इस दौरान एयरफोर्स के गरुड़ जवानों को गुपचुप तरीके से लैंड करने और दुश्मनों पर धावा बोलने की ट्रेनिंग भी दी। वायु सेना ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इससे भारतीय वायुसेना ने यह दिखाने की कोशिश की है कि पाकिस्तान-भारत सीमा पर यह रात के समय में भी ऑपरेशन के लिए तैयार है।

 

0.रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है कारगिल एयर स्ट्रीप

 

लद्दाख के कारगिल जिले में स्थित कारगिल एयर स्ट्रीप भारत के लिए रणनीतिक तौर पर अहम है। यह लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के बेहद करीब है। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1999 के कारगिल युद्ध के बाद कारगिल में हवाई पट्टी का निर्माण किया गया था। इसे समुद्र तल से लगभग 2,500 मीटर की ऊंचाई पर बनाया गया है। इसे टरेन मास्किंग भी कहा जाता है जिसमें बिना राडर की पकड़ में आए आपरेशन का सफल अंजाम दिया जाता है।

कारगिल एयर स्ट्रीप पाकिस्तान से लगे सीमावर्ती क्षेत्र में भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाती है। खास तौर पर कारगिल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में जरूरी मिलिट्री सपोर्ट देने के लिहाल से यह अहम है। यह हवाई पट्टी भारत के लिए सीमा के पास सैनिकों और उपकरणों को जुटाने, मिलिट्री ऑपरेशन्स को अंजाम देने और इस क्षेत्र में एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने में मददगार है।

 

 

0. क्या है आपरेशन थंडरबोल्ड

 

4 जुलाई 1976 को युगांडा के एंतबे हवाईअडडे पर हुई यह सैन्य कार्रवाई इज़रायली इतिहास की सबसे कठिन कार्रवाई में से एक है। फिलिस्तीन के आतंकियों ने यहूदियों से भरे एक विमान का अपहरण कर लिया था। इसे युगांडा के एंतबे हवाईअडडे पर उतारा गया। यहां से आतंकियों ने इजरायल से 50 आतंकियों को रिहा करने की मांग की। इजरायल को यह मंजूर नहीं था। कई तरीके से बात करने के बाद आपरेशन की तैयारी शुरू कर दी गई। इसमें सबसे बड़ी समस्या इज़रायल और एन्तेबे की दूरी थी लेकिन यहीं से तैयारी शुरू हो गई।

 

मोसाद और इजरायल वायुसेना ने 200 कमांडों के साथ रणनीति बनाई और फिर आपरेशन शुरू हो गया। 4000 किलोमीटर की दूरी पर किए जाने वाले इस आपरेशन की दो चुनौती थी। राडार और दूसरा तेल। राडार के लिए तो इजरायली वायुसेना ने टरेन मास्किंग का प्रयोग करते हुए बिना राडार में आए लाल सागर ऊपर से होते हुए बेहद कम ऊंचाई पर उड़ान भरी। उड़ान के दौरान ही हवा में ही अन्य विमानों की मदद से तेल भरा। इसके बाद एंतेबे में क्या हुआ यह एक इतिहास है।

 

इस आपरेशन की खासियत यह थी कि किसी भी बंदी को कोई नुकसान नहीं हुआ। सभी आतंकी और युगांडा के कई सैनिक मारे गए। इजरायल का सिर्फ एक ही सैनिक शहीद हो गया और सैनिक का नाम योनातन नेतन्याहू था। वह इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई थे। करगिल में 6 जनवरी की आधी रात को किया गया यह अभ्यास इजरायल के आपरेशन थंडरबोल्ड की तरह ही है।

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