कोरबा। अपनी करतूतों से प्रधान पाठक जैसे प्रतिष्ठित पद की गरिमा पर आघात करने वाले निलंबित शिक्षक पर अब कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू हो गई है। अच्छी शिक्षा का पाठ पढ़ाने की बजाय महज प्राइमरी की छात्राओं से गंदी हरकतें और अमानवीय व्यवहार के लिए डीईओ ने पहले ही उसे निलंबित कर दिया गया है। अब आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने उस पर एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
शिकायत मिली थी कि शिक्षक महज प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ने वाली बच्चियों के साथ मारपीट, शारीरिक व मानसिक शोषण करता है। मामले में जांच बैठाई गई, जिसमें आदिवासी विकास विभाग की ओर से दिए गए जाँच प्रतिवेदन के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राथमिक आश्रम शाला घरीपखना विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा में पदस्थ प्रधान पाठक संदीप कुमार अग्रवाल को 20 दिसंबर को निलंबित कर दिया था। शिक्षक के विरुद्ध प्राथमिक आश्रम शाला घरीपखना की छात्राओं के साथ मारपीट करने के साथ ही साथ शारीरिक व मानसिक शोषण किए जाने की शिकायत की गई थी। जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि शिक्षक का यह कृत्य अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता एवं अनुशासनहीनता को प्रदर्शित करता है, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरीत है। अतः छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 9 (2) (क) के तहत संदीप कुमार अग्रवाल प्रधान पाठक प्राथमिक आश्रम शाला घरीपखना विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा जिला कोरबा को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में उसे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोरगा में अटैच किया गया है। इसी कड़ी में कार्रवाई की प्रक्रिया को एक और लेवल पर ले जाते हुए उस पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। यह ताजा आदेश आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्रीकांत कसेर ने जारी किया है।