छत्तीसगढ़

Naxalite Surrender : माओवादी नेता सुनील की चिट्ठी से हलचल…! गरियाबंद में सशस्त्र आंदोलन छोड़ने का संकेत

बस्तर के बाद अब गरियाबंद की बारी

गरियाबंद, 18 अक्टूबर। Naxalite Surrender : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आत्मसमर्पण का सिलसिला तेज हो गया है। महाराष्ट्र और बस्तर के बाद अब गरियाबंद जिले से भी बड़ी संख्या में माओवादियों के सरेंडर करने की खबर सामने आ रही है। उदंती एरिया कमेटी के माओवादी नेता सुनील ने एक पत्र जारी कर इलाके में सक्रिय सभी नक्सलियों से 20 अक्टूबर 2025 को हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। सुनील द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि 16 अक्टूबर को महाराष्ट्र में सोनू दादा के नेतृत्व में 61 माओवादियों ने सरेंडर किया, वहीं 17 अक्टूबर को बस्तर में रूपेश दादा उर्फ सतीश दादा के साथ 210 नक्सलियों ने हथियार सौंपकर सशस्त्र संघर्ष को विराम दिया। इन घटनाओं का हवाला देते हुए सुनील ने लिखा है कि मौजूदा समय में परिस्थितियाँ सशस्त्र आंदोलन के अनुकूल नहीं हैं और फोर्स का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

समय रहते ‘सही फैसला लेने’ का आह्वान

पत्र में कहा गया है कि, सीसी (सेंट्रल कमेटी) सही समय पर निर्णय नहीं ले सकी, यह एक गलती मानी जानी चाहिए। अब वक्त है कि हम जनांदोलनों के साथ जुड़कर जनता की समस्याओं का समाधान करें। सुनील ने अपनी उदंती एरिया कमेटी की ओर से आंदोलन समाप्ति की घोषणा करते हुए गोबरा, सीनापाली, एसडीके और सीतानदी जैसे इलाकों में सक्रिय सभी यूनिटों के कामरेडों से अपील की है कि वे पूरे दलम और हथियारों के साथ सरेंडर में शामिल हों। पत्र में यह भी उल्लेख है कि कई महत्वपूर्ण कामरेडों को पहले ही खोया जा चुका है, और अब और देर करने से नुकसान बढ़ सकता है। इसलिए सभी साथियों से समय रहते ‘सही फैसला लेने’ का आह्वान किया गया है। इससे पहले बस्तर में हुए सरेंडर में नक्सलियों के पास से 153 हथियार बरामद हुए थे, और सरकार द्वारा पुनर्वास के तहत लगभग 9.18 करोड़ रुपये की योजनाएं लागू की गई हैं। 20 अक्टूबर को गरियाबंद में संभावित सरेंडर के मद्देनज़र सुरक्षा बल और प्रशासन सतर्क है। माना जा रहा है कि दिवाली से पहले गरियाबंद में भी नक्सलियों का एक बड़ा समूह हथियार डाल सकता है।

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