
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित डीएमएफ (जिला खनिज न्यास) घोटाले में आरोपी सूर्यकांत तिवारी को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत देने का आदेश जारी किया है।
इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, शशांक मिश्रा और तुषार गिरि ने सूर्यकांत तिवारी की ओर से कोर्ट में पैरवी की। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने जमानत मंजूर की।
जमानत की शर्तों का पालन करेंगे तिवारी
अधिवक्ताओं ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि सूर्यकांत तिवारी न्यायालय द्वारा निर्धारित सभी शर्तों का कड़ाई से पालन करेंगे।
3 साल बाद जेल से मिल रही आज़ादी
सूर्यकांत तिवारी लगभग 3 साल बाद जेल से बाहर आएंगे। वे अक्टूबर 2022 से जेल में बंद हैं।
29 अक्टूबर 2022 को उन्होंने जस्टिस अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में सरेंडर किया था। इस जानकारी के सामने आते ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अफसर भी कोर्ट पहुंच गए थे।
यह निर्णय न केवल सूर्यकांत तिवारी के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि छत्तीसगढ़ की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में भी हलचल पैदा कर सकता है।