
कोरबा/कटघोरा, 3 अगस्त 2025 – कटघोरा वनमंडल के एतमानगर रेंज में हाथियों का एक दल इन दिनों ग्रामीणों के लिए गंभीर संकट का कारण बना हुआ है। बीते दो दिनों से बांगों जंगल में विचरण कर रहे ये हाथी अब गुरुमुडा, कोड़ा और बांझीबन ग्रामों की ओर बढ़ गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार, लगभग पांच हाथियों का यह दल आसपास के जंगलों में डेरा डाले हुए है और किसानों की खड़ी फसलों को भारी क्षति पहुंचा रहा है।
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स्थानीय निवासियों का कहना है कि हाथी रात्रि में गांवों के समीप आकर खेतों को रौंद रहे हैं, जिससे फसलें पूरी तरह नष्ट हो रही हैं। किसानों के समक्ष उनकी वर्षभर की मेहनत और आजीविका पर संकट गहराता जा रहा है। गांवों में भय का वातावरण इस हद तक व्याप्त है कि लोग रात्रि भर जागकर अपने खेतों और घरों की रखवाली करने को विवश हैं।
वन विभाग की लापरवाही, अधिकारी नहीं उठा रहे फोन
ग्रामीणों ने बार-बार वन विभाग को सूचना दी, किंतु समाचार लिखे जाने तक कोई भी अधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। यहां तक कि जब ग्रामीणों ने प्रत्यक्ष रूप से डीएफओ से संपर्क करने का प्रयास किया, तो उन्होंने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा। इससे ग्रामीणों में रोष और निराशा दोनों बढ़ते जा रहे हैं।
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ग्रामीणों की जान पर बन आई, स्वयं उठा रहे जोखिम
वन विभाग की अनुपस्थिति में ग्रामीण स्वयं ही डंडों और मशालों के सहारे हाथियों को खदेड़ने का प्रयास कर रहे हैं। यह अत्यंत जोखिमपूर्ण कार्य है, जिससे उनकी जान को भी खतरा उत्पन्न हो गया है, किंतु परिस्थितियों के आगे वे ऐसा करने को विवश हैं।
खड़ी फसलें संकट में
किसानों की सबसे बड़ी चिंता उनकी खड़ी फसलें हैं। ग्रामीणों के अनुसार, हाथी प्रतिदिन रात्रि के समय खेतों में घुसकर धान की फसल को नष्ट कर रहे हैं, जिससे उनकी वर्षभर की मेहनत पर पानी फिरने की आशंका है।
ग्रामीणों की मांग – प्रशासन तत्काल करे हस्तक्षेप
ग्रामीणों ने प्रशासन एवं वन विभाग से मांग की है कि वे शीघ्रता से मौके पर पहुंचकर हाथियों को सुरक्षित रूप से जंगल की ओर खदेड़ने की कार्रवाई करें। साथ ही, प्रभावित किसानों को समुचित मुआवजा प्रदान करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।