
रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने हॉस्टल प्रवेश से पहले ₹3000 भोजन शुल्क अनिवार्य कर दिया है। बिना यह राशि जमा किए किसी भी छात्र को हॉस्टल में प्रवेश नहीं दिया जा रहा।
छात्रों का आरोप है कि यह राशि दो वक्त के भोजन के नाम पर वसूली जा रही है, जबकि वास्तविक लागत इससे काफी कम है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले विद्यार्थियों के लिए यह शुल्क भारी आर्थिक बोझ बन गया है।
छात्रों का आरोप
छात्रों का कहना है “शिक्षा और हॉस्टल का उद्देश्य सहूलियत देना होता है, लेकिन यहाँ उल्टा जबरन शुल्क वसूला जा रहा है”.
भोजन शुल्क अनिवार्य करने से छात्रों को प्रवेश से वंचित करने जैसी स्थिति पैदा की जा रही है।यह फैसला सरासर अन्याय और आर्थिक शोषण है।
कुलसचिव कार्यालय के सामने प्रदर्शन
मामले को लेकर छात्रों ने कुलपति को लिखित आवेदन देकर शुल्क की समीक्षा की मांग की है। साथ ही कुलसचिव कार्यालय के सामने सांकेतिक प्रदर्शन कर अपनी नाराज़गी जताई।
छात्रों का कहना है कि यदि जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला तो वे विवि परिसर में उग्र आंदोलन करेंगे।
अब निगाहें प्रशासन पर
इस फैसले से विश्वविद्यालय परिसर में असंतोष का माहौल है। सवाल यह है कि क्या प्रशासन छात्रों की मांग मानकर राहत देगा या फिर यह विवाद और भड़क जाएगा।