Featuredकोरबासामाजिक

Korba: बालको की पहल से खेती में क्रांति, पैदावार में वृद्धि और लागत में गिरावट

बालकोनगर, 01 अगस्त 2025। वेदांता समूह की इकाई भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) की पहल पर ग्रामीण कृषि परिदृश्य में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। सिस्टम ऑफ राइस इंटेंसिफिकेशन (एसआरआई) तकनीक के प्रयोग से जहां किसानों की शुद्ध आय में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, वहीं लागत में भी उल्लेखनीय कमी आई है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 473 किसान इस तकनीक से लाभान्वित हुए, जबकि आगामी वर्ष में 546 किसानों को जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस वर्ष कुल 546 एकड़ भूमि पर एसआरआई पद्धति से धान की खेती की गई, जिससे औसत उपज 10-12 क्विंटल प्रति एकड़ से बढ़कर 15-18 क्विंटल प्रति एकड़ हो गई है।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक ने कहा कि,

“हमारा उद्देश्य केवल औद्योगिक विकास तक सीमित नहीं, बल्कि टिकाऊ और समृद्ध ग्रामीण जीवन की दिशा में भी हम प्रतिबद्ध हैं। एसआरआई जैसी तकनीक किसानों की आमदनी बढ़ाने और संसाधनों के कुशल उपयोग में सहायक हो रही है।”

 

किसानों की जुबानी सफलता की कहानी

सोनपुरी की राजिलाबाई कंवर कहती हैं,

“पहले डर था कि कम बीज से फसल कैसी होगी, पर एसआरआई ने सब बदल दिया। अब कम खर्च में 15-18 क्विंटल उपज हो रही है। बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी निकल आता है।”

 

रोगबहरी के अर्जुन कुमार बताते हैं,

“पहले 1.5 एकड़ में परंपरागत विधि से 12 क्विंटल ही मिलता था। एसआरआई अपनाकर 90 डिसमिल में ही 16 क्विंटल उपज मिली। अब मैं पहले से ज्यादा आत्मविश्वासी हूँ।”

 

तकनीक और प्रशिक्षण का केंद्र – वीएआरसी

बालको ने वेदांत एग्रीकल्चर रिसोर्स सेंटर (VARC) के रूप में एक मॉडल एग्री-फार्म विकसित किया है, जहां किसानों को मृदा परीक्षण, मल्टीलेयर फार्मिंग, हाइड्रोपोनिक्स, बायो फ्लोक मत्स्य पालन, विदेशी सब्जी उत्पादन जैसी उन्नत कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसका संचालन कृषक उत्पादक संघ (FPO) के माध्यम से किया जा रहा है।

कृषि विभाग भी इस दिशा में सक्रिय है और एसआरआई जैसी विधियों को अधिक से अधिक किसानों तक पहुँचाने का प्रयास कर रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button