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तब वुमेंस डे पर घुड़सवारी करते विधानसभा आकर चर्चा में रही अंबा अब ईडी के शिकंजे में फंसकर बटोर रहीं सुर्खियां

रायपुर। कभी वुमेंस डे पर घोड़े में सवार होकर विधानसभा पहुंची युवा विधायक अंबा प्रसाद खूब चर्चा में रहीं, जो अब ईडी के शिकंजे में आकर एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहीं हैं। बालू के अवैध कारोबार और जमीन पर जबरन कब्जा जैसे सनसनीखेज शिकायतों की जांच के चलते उनके कई ठिकानों पर दबिश तो दी गई है, साथ घंटो पूछताछ भी हुई है।
वर्ष 2021 में महिला दिवस के अवसर पर अंबा प्रसाद चर्चा में आई थीं। तब वह घोड़े पर सवार होकर विधानसभा पहुंची थीं। बीते दिनों अंबा प्रसाद के 17 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। 18 घंटे तक अंबा प्रसाद से पूछताछ के बाद मंगलवार देर रात ईडी की टीम निकली। सुबह 8 बजे ईडी के अधिकारी अंबा प्रसाद के ठिकानों पर पहुंचे थे। इन लगातार हो रही छापेमार कार्यवाही के बाद अंबा प्रसाद ने कहा कि उनके पिता अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। पूरे झारखंड में वह लड़ाकू विमान की तरह जाने जाते हैं। लोग उनको बहुत मानते हैं। 2014 में मेरे पिता जब जेल गए तो मां को टिकट मिला। चुनाव में उनके लिए प्रचार करने के लिए मैं पढ़ाई से ब्रेक लेकर आई। उस चुनाव में मां की जीत हुई थी। वर्ष 2016 में मेरा पूरा परिवार जेल चला गया। जिसके बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी। उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया और दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी छोड़ झारखंड वापस आ गई। कांग्रेस की इस युवा नेता ने कहा कि क्षेत्र में विधायक की कमी न महसूस हो, इसके लिए मैं काम करना शुरू की। मैं समाज के लिए काम करना चाहती थी। आईएएस बनकर मैं ऐसा करना चाहती थी। लेकिन मेरे पिता ने कहा कि तुम्हें राजनीति में आना होगा। राजनीति में आने से पहले मैंने काफी विचार किया।

हजारीबाग की टिकट का आॅफर ठुकराया तो दबाव बना रहा बीजेपी

 

छापेमारी के बाद अंबा प्रसाद ने ईडी पर तंग करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की बात नहीं मानने के चलते मेरे ऊपर कार्रवाई की गई है। अंबा प्रसाद ने कहा, मुझे बीजेपी की ओर से हजारीबाग लोकसभा टिकट की पेशकश की गई थी, जिसे मैंने नजरअंदाज कर दिया। फिर मुझ पर दबाव भी डाला गया। आरएसएस की ओर से आने वाले कई लोगों ने भी मुझ पर चतरा से लड़ने के लिए दबाव डाला। मैंने उसे भी नजरअंदाज कर दिया। हम बीजेपी से नहीं हैं कांग्रेस से हैं, इसलिए मुझे टारगेट किया जा रहा है। हम हजारीबाग में बहुत मजबूत हैं। मैंने इसे पार्टी और मीडिया के नजरिए से देखा कि मैं एक विजयी उम्मीदवार हूं, तो यह मेरे इनकार का नतीजा है और आज मुझे दिन भर यातना का शिकार होना पड़ा, जो अस्वीकार्य है। बता दें कि मौजूदा विधानसभा में सबसे कम उम्र की विधायक अंबा पूर्व मंत्री योगेन्द्र साव की बेटी हैं। उनकी मां निर्मला देवी भी पूर्व विधायक हैं।

आईएएस बनने यूपीएससी प्रीलिम्स निकाला, फिर

 

राजनीति की राह और अब घोटालों में फंसी
अंबा ने आईएएस अफसर बनने का सपना देखा था। यही लक्ष्य लेकर उन्होंने यूपीएससी प्री भी सफल किया और फिर राजनीति में आ गई। मौजूदा हाल यह है कि राजनीति के रास्ते झारखंड की सबसे युवा विधायक बनी अंबा अब घोटालों में फंस गई हैं। अंबा प्रसाद को राजनीति विरासत में मिली है। बड़कागांव विधानसभा सीट से अंबा प्रसाद से पहले उनके पिता योगेंद्र साव 2009 में और मां निर्मला देवी ने 2014 में चुनाव जीतकर विधायक बने थे। उनके पिता मंत्री भी रहे । अंबा प्रसाद के मुताबिक, जब मेरे पिता राजनीति में थे तब मैं पढ़ाई कर रही थी। मुझे राजनीति से कोई मतलब नहीं था। 2013, 2014 के आसपास मेरे पिता को चुनाव से दूर करने की साजिश रची जा रही थी। उस दौरान मैं दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। मैं ब्रेक लेकर झारखंड आई।

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