
बिलासपुर (छत्तीसगढ़), 31 जुलाई 2025 –
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां लव मैरिज करने पर एक पुलिस अधिकारी और उनके परिवार को सामाजिक बहिष्कार झेलना पड़ रहा है। डीएसपी डॉ. मेखलेंद्र प्रताप सिंह द्वारा अंतरजातीय विवाह करने पर न सिर्फ समाज ने उन्हें और उनके परिवार को समाज से बाहर कर दिया, बल्कि परिवार को लगातार प्रताड़ना और धमकियां भी दी जा रही हैं।
क्या है पूरा मामला?
डॉ. मेखलेंद्र प्रताप सिंह, जो वर्तमान में सरगुजा संभाग में पुलिस विभाग में डीएसपी के पद पर पदस्थ हैं, मूल रूप से बिलासपुर जिले के कोंटा थाना क्षेत्र के ग्राम नुनेरा निवासी हैं। उन्होंने सरगुजा जिले के नान दमाली गांव की एक युवती से प्रेम विवाह किया, जो उनके समाज की ‘मर्यादा’ के विपरीत माना गया।
समाज ने जारी किया बहिष्कार का फरमान
सतगढ़ तंवर समाज द्वारा एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि डॉ. मेखलेंद्र ने समाज के “नियम” तोड़े हैं और उन्हें तथा उनके पूरे परिवार को समाज से बहिष्कृत किया जाएगा।
28 अप्रैल 2025 को समाज की ओर से आधिकारिक लेटर पैड में बहिष्कार आदेश जारी किया गया।
परिवार को मिल रही धमकियां, पुलिस में शिकायत दर्ज
शादी के बाद से डीएसपी के परिवार को लगातार मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है।
उनके गांव में रह रहे भाई-बहन को गाली-गलौज और जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं।
डीएसपी ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है, जिस पर जांच के बाद समाज के अध्यक्ष मनोहर प्रताप सिंह समेत अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
इस संवेदनशील मामले को लेकर बिलासपुर ग्रामीण की एएसपी अर्चना झा ने बताया:
“डीएसपी मेखलेंद्र प्रताप सिंह द्वारा की गई शिकायत की पुष्टि जांच में हुई है। संबंधित समाजिक पदाधिकारियों पर केस दर्ज कर आगे की कानूनी प्रक्रिया चलाई जा रही है।”