कटाक्ष

10 boxes of liquor in the bike: 7 के साथ ने बढ़ाया खाकी पर विश्वास,करोड़ का काम “सरकार” के नाम.. कका अभी जिंदा है,स्कूल की छुट्टी और निजी स्कूलों की बस..

7 के साथ ने बढ़ाया खाकी पर विश्वास

अंक ज्योतिषी में 7 अंक का विशेष रूप से महत्व रहता है.. सप्तऋषि, सप्तरंग, सप्तलोक, सप्तछंद तभी तो अंक 7 का खाकी को साथ मिला और पब्लिक में उनका नंबर विश्वास बढ़ गया। दरअसल हुआ यूं कि 7 जनवरी आम और खास लोगों के साथ पुलिस के लिए चुनौती से भरा हुआ था। छोटी सी चूक और एक बड़ा बखेड़ा!

आखिरकार सेनापति की सूझबूझ और अंक 7 के साथ से पुलिस की छवि आम जनमानस में निखर गई है। शहर के हृदय स्थल में ऐतिहासिक कार्यक्रम के सुरक्षा की मजबूत जनमानस के मन में सदा के लिए अंकित हो गई।

शान्तिपूर्ण ढंग से हुए कार्यक्रम में अभेद सुरक्षा व्यवस्था का श्रेय कोरबा के सेनापति को जाता है। इसी वजह से राजा के साथ जनमानस भी पुलिस व्यवस्था की जमकर सराहना कर रहा है। कहा तो यह भी जा रहा कि जिस ढंग से ट्रैफिक मैनेजमेंट किया गया तो वो किसी अनुभवी अफसर ही कर सकते हैं।

वैसे देश के गृहमंत्री के कार्यक्रम को लेकर पिछले चार दिनों से चली चेकिंग और आपराधियों की धरपकड़ से आम आदमी को राहत मिली औऱ शहर की बिगड़ी कानून व्यवस्था सुधरने से खाकी पर लोगों का विश्वास भी बढ़ा है। मतलब पुलिस के लिए भी 7 का अंक लक्की रहा।

करोड़ का काम “सरकार” के नाम..

नगर निगम के 6 करोड़ के काम को “सरकार” के नाम कर दिया गया है। दरअसल मामला न्यू टीपी नगर के लिए प्रस्तावित डंपिंग यार्ड का है। शहर से निकलने वाले कचरा निस्तारण के लिए बरबसपुर में बने डंपिंग यार्ड पर टीपी नगर बनाने प्रस्तावित है।

डंपिंग यार्ड के कचरे को डिस्पोज करने दुर्ग की फर्म को काम दिया गया है। कचरा डिस्पोजल करने बाकायदा निगम मेन पॉवर और मशीनरी की संख्या के आधार पर डेली पेमेंट कर रहा है।

खबरीलाल की माने तो दुर्ग के सेटिंग फर्म को एक दिन का 4 लाख 24 हजार का भुगतान किया जा रहा है। जबकि मौके पर 20 से 30 श्रमिक और 6 पोकलेन के जगह 2 पोकलेन लगाकर प्रतिदिन लाखों का वारा न्यारा किया जा रहा है।

अब बात अगर अधिकारियों की जाए तो जिस सहायक अभियंता के निगरानी में ये सेटिंग का काम हो रहा है, उनका ट्रांसफर हो चुका है। ट्रांसफर तो छोड़िए जनाब साहब को एकतरफा रिलीविंग का आदेश भी जारी हो चुका है।

बावजूद इसके किसी की क्या मजाल जो सहायक उप अभियंता को हटा सके। खैर हटे भी कैसे! क्योंकिं सेटिंग के काम में साहब का हटना मतलब काम ध्वस्त…! वैसे कहा तो यह भी जा रहा है कि इस सारे काम की निगरानी “सरकार” के नाम से हो रही है।

कका अभी जिंदा है…

केंद्रीय मंत्री अमित शाह कोरबा पहुंचे, आम सभा को संबोधित किया और दिल्ली के लिए उड़ गए। इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह हवा में ही तैरते रहे। छत्तीसगढ़ में इस वाकये की चर्चा के साथ सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।

दरअसल केंद्रीय मंत्री अमित शाह के कोरबा प्रवास को लेकर पहले जो प्रोटोकाल जारी किया गया था, उसमें शाह को रायपुर आना था। रमन सिंह रायपुर में उनका इंतजार करते रहे यहां से उन्हें केंद्रीय मंत्री के साथ कोरबा की आमसभा में पहुंचना था। लेकिन, शाह का हेलीकाप्टर रायपुर के बजाए सीधे कोरबा लैंड कर गया। सब कुछ जल्दी में हुआ या…।

कोरबा में पहले से बीजेपी के बड़े नेता ओम माथुर, अजय जामवाल, नीतिन नबीन, पवन साय, प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव के साथ नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल मौजूद थे। यानि कहा जाए तो बीजेपी की पूरी टीम वहां पहले ही पहुंच चुकी थी, नहीं पहुंच पाए तो केवल रमन सिंह…।

हालांकि बाद में उनके अनुरोध पर सरकार ने उन्हें हेलीकाप्टर देकर साबित कर दिया “कका अभी जिंदा है” ये बात अलग है उन्हें हेलीकाप्टर मिलने के बाद भी वो कोरबा सभा समाप्त होने के बाद पहंचे ,तब तक अमित शाह आमसभा को संबोधित करके मंच से निकल चुके थे। और जब रमन सिंह वापस रायपुर पहुंचे तब तक शाह दिल्ली के लिए रवाना हो चुके थे।

अब पूर्व सीएम के इस हवाई दौरा को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं…लोगों में चर्चा है कि अमित शाह को जो फीड लेना था वो उन्होंने ले लिया …अब आगे की बात दिल्ली ही जाने…।

स्कूल की छुट्टी और निजी स्कूलों की बस

ठंड का कहर या यूं कहें सर्दी का असर केंद्रीय मंत्री के कार्यक्रम के लिए संजीवनी साबित हुई है। हुआ यूं कि ठिठुरन को देखते हुई 7 जनवरी तक स्कूल बंद करने का फरमान जारी किया था। स्कूल बंद होने से स्कूलों में लगे बसों में कार्यक्रम के लिए भीड़ लाने में मदद मिली।

मतलब ठंड भी भाजपा के लिए संजीवनी साबित हुई। वैसे बड़े नेता के आगमन पार्टी कार्यकर्ताओं की बड़ी जवाबदारी देते हुए विशाल भीड़ लाने घुट्टी पिलाई गई थी, पर क्या करें प्रदेश में सरकार है नहीं तो अधिकारी भाव नहीं देते तो कार्यकर्ता हताश निराश थे।

आखिरकार उन्हें स्कूल की छुट्टी की खबर ने उन्हें उम्मीद की किरण नजर आई और फिर स्कूल वाहन से लोगों की भीड़ जुटाने में पिल पड़े। आम सभा की भीड़ देखकर स्थानीय नेता अब राहत की सांस लें रहे हैं, अगर भीड़ नहीं जुटती तो राजधानी के नेता उन पर पिल पड़ते। भला हो इस ठंड का जो उनका भला कर गई।

बाइक में 10 पेटी शराब

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शराब पर हुई कार्रवाई को लेकर सदन में खूब हंगामा मचा। शराब की तस्करी को लेकर कांग्रेस विधायक छन्नी साहू के सवाल का जवाब देते हुए आबकारी मंत्री कवासी लखमा खुद सवालों में घिर गए। लखमा ने बताया कि राजनांदगांव में एक बाइक पर सवार तीन युवकों को 10 पेटी शराब के साथ पकड़ा गया। अब भला सरकार की बात पर जनता विश्वास कैसे न करें।

शराब की तस्करी कर मोटी कमाई कर रहे लोग अब इस बात का पता लगा रहे हैं जिस बाइक पर तीन लोग सवार हों और उस पर 10 पेटी शराब भी लदी गई हो उसे किस कंपनी ने बनाया है। पहले वो पकड़े जाते थे तो उनकी महंगी कार या यूएसवी थाने में जब्त हो जाती थी, शराब गई सो अलग…। अब अगर राजनांदगांव वाली बाइक उन्हें मिल जाए तो सस्ते में काम हो जाएगा। अगर पकड़े भी गए तो बाइक ही जब्त होगी….जमानत तो मिल ही जाएगी।

खबर है कि कई शराब तस्करी ऐसी बाइक की तलाश में राजनांदगांव पहुंच चुके हैं। पता नहीं उनको वह बाइक मिली या नहीं मगर तलाश जारी है।

✍️ अनिल द्विवेदी, ईश्वर चन्द्रा

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