
कोरबा। जिले में एक मैडम के दरबार मे “ना नि ” की भी बोली लग रही है। लिहाजा, मैडम शेयर मार्केट की हो लीं है। वैसे तो नौकरशाहों को शेयर मार्केट में रकम लगाने के साफ तौर पर मनाही है । कुछ खरीदीने के लिए विभागीय अनुमति की जरूरत पड़ती है पर मैडम को कहाँ किसी की परमिशन की जरूरत है। वे तो बस अपने मन की करती है जिसे चाहे फटक देते है और दबोच लेते है तो अनुमति कैसा?
खैर ऊपरी कमाई से धन बरसता हो तो शौंक भी बढ़ जाते हैं। मैडम पर काली कमाई का असर होने लगा तो वे रकम को बढ़ाने शेयर मार्केट में पैसा लगाने लगी है। कहते है जब ड्रीम बड़ा तो गेम भी बड़ा खेलना पड़ता है। सो मैडम ने बैन लगे ज़मीन का भी पंजीयन कर दिया था। जिसके बाद कलेक्टर ने सो काज नोटिस जारी किया था। वैसे तो दफ्तर में हर रजिस्ट्री पर नजराना फिक्स है। बात अगर दस्तावेज में ऊपर नीचे को हो तो स्पेशल पैकेज के साथ बात होती है।
ऊपर देने के नाम पर वसूली
रजिस्ट्री कराने पहुंचे लोगों को इन दिनों कार्यालय में खुलेआम वसूली का सामना करना पड़ रहा है। जमीन की खरीदी-बिक्री हो या किसी प्रकार का दस्तावेज़ी काम, बिना “ऊपर” दिए फाइल आगे बढ़ ही नहीं रही। बताया जा रहा है कि दलाल और कर्मचारी मिलकर आवेदकों से तय रकम वसूलते हैं और इसका हिस्सा अफसरों तक पहुंचता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह वसूली अब एक तरह से अनिवार्य शुल्क जैसा हो गया है। मजबूरी में लोग अपनी जमीन या मकान की रजिस्ट्री के लिए अतिरिक्त रकम देने को तैयार हो जाते हैं।