
रायपुर, 23 अगस्त। Viral Infection : छत्तीसगढ़ में इस समय वायरल संक्रमण और इन्फ्लुएंजा का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। अस्पताल बुखार के मरीज़ों से खचाखच भरे हैं। ऐसे संकटपूर्ण समय में आमतौर पर बुखार की पहली और सबसे अहम दवा मानी जाने वाली पैरासिटामोल की गुणवत्ता को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आई है।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSCL) ने जांच में पाया है कि महासमुंद स्थित 9M इंडिया कंपनी द्वारा सप्लाई की गई पैरासिटामोल 500 एमजी और 650 एमजी टैबलेट की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरी। इन दवाओं में काले धब्बे पाए गए हैं, जिससे यह मरीजों के इस्तेमाल के लिए असुरक्षित मानी गई हैं।
स्वास्थ्य इकाइयों और दवा गोदामों से लगातार मिल रही शिकायतों के बाद वर्ष 2024 में तैयार बैचों की जांच कराई गई, जिसमें दवा की गुणवत्ता में प्रथमदृष्टया कमी पाई गई। CGMSCL की लैब रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई है।
इस गंभीर लापरवाही के चलते निगम ने कंपनी को सभी संदिग्ध बैच तुरंत वापस लेने के आदेश जारी किए हैं। साथ ही निर्देश दिया गया है कि उसकी जगह गुणवत्तापूर्ण नई खेप शीघ्र उपलब्ध कराई जाए।
निगम ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित शर्तों का पालन नहीं किया गया, तो कंपनी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और इसकी पूर्ण जिम्मेदारी कंपनी की होगी।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल के इस दौर में इस तरह की लापरवाही जनस्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है और प्रशासन को चाहिए कि ऐसी कंपनियों पर कड़ी निगरानी रखे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।