कोरबा। राज्य सरकार ने नगरीय निकाय के चुनावों की तैयारियां शुरु कर दी हैं। वार्डों के परिसीमन के निर्देश दिए गए हैं और किस प्रणाली से चुनाव होगा, इसका अंतिम निर्णय आने वाले दिनों में हम करेंगे। कोरबा लोकसभा में सरोज पांडेय की हार की जिम्मेदारी तय करने पार्टी स्तर पर मंथन किया जा रहा है। ये सही है कि कोरबा लोकसभा में फिर से हम जीत नहीं पाए हैं। इस बात पर पार्टी स्तर पर बातचीत की जा रही है।
यह जानकारी प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव ने मीडिया से साझा करते हुए कहीं। श्री साव ने बताया कि शुक्रवार को जिले की एक समीक्षात्मक बैठक रखी गई थी। जिले में बारिश पूर्व जो तैयारियां होनी चाहिए, उस पर चर्चा की गई। बीमारियों से बचाव, नालियों की साफ-सफाई और कृषि सीजन नजदीक होने के मद्देनजर खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता जैसे अनेक विषयों पर अधिकारियों से बात की गई। प्रधानमंत्री आवास को लेकर भी समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा की, जिसमें कितने स्कूल हैं और उनमें शिक्षकों की क्या स्थिति है। इसे लेकर चर्चा की गई और आवश्यक निर्देश दिए गए। निश्चित रुप से समय-समय पर बैठक लेकर जिले की प्रगति, चल रही योजनाओं को लेकर जानकारी ली जा रही है। चाहे वह लोक निर्माण विभाग हो, पीएचई हो, जल जीवन मिशन, नगरीय निकाय समेत तमाम बातों पर चर्चा की गई। निश्चित तौर पर आने वाले समय में शासन की योजनाओं के विस्तार और कोरबा के विकास के लिए कार्यों को तेज गति से आगे बढ़ाने प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। बीते वर्षों में पेंडिंग पड़े नवनिर्माण व अन्य कार्यों को भी पुनः प्रारंभ कर तेज गति से पूर्णता की ओर ले जाने निर्देशित किया गया है। जल जीवन मिशन के कार्यों को तेज गति से पूरा करने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए गए हैं। जल जीवन मिशन की 31 परियोजनाएं अभी पूर्ण हुई हैं, अन्य अधूरी योजनाओं को तेजी से पूरा करने कहा गया है।
कोई भी अनियमितता मिली तो कठोर कार्यवाही होगी
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विधानसभा चुनाव के दौरान जब आचार संहिता लागू थी, तब लगभग 23 करोड़ के कार्य बिना किसी टेंडर के शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए सामग्री की खरीदी की। यह खरीदी स्वामी आत्मानंद स्कूलों के लिए होने के आरोप लगे हैं। इस मामले में मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मीडिया के माध्यम से यह बात मेरे संज्ञान में आया है। निश्चित रुप से इस मामले में विभाग से चर्चा करेंगे, जानकारी लेंगे और संबंधितों से पूछताछ भी करेंगे। अगर किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो निश्चित तौर पर कठोर कार्यवाही होगी।