
कोरबा।प्रदेश के पूर्व राजस्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयसिंह अग्रवाल की एक फेसबुक पोस्ट से प्रदेश में राजनीतिक बवाल मच गया है। कलेक्टर की नोटिस के बाद इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। वहीं इस बीच जयसिंह अग्रवाल ने भी मीडिया के सामने आकर कहा कि वे अपनी फेसबुक प्रोफाइल से शेयर की गई संबंधित तस्वीर को नहीं हटाएंगे।
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत के बाद अब इसपर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ दीपक बैज और खुद ननकीराम कंवर भी मैदान में उतर आए हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा “मुखिया जी” को न अपने दल की चिंता और न महामहिम के पद की गरिमा की
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि अगर अधिकारी प्रशासन की जगह “मुखिया जी” का निजी “कलेक्टर” है तो उसको अधिकार मिल जाता है कि वह महामहिम के बराबर बैठ सकता है, “मुखिया जी” के ही दल के वरिष्ठतम नेता को अपने सामने खड़ा रख सकता है और इसकी आलोचना करने पर किसी को भी “नोटिस” भेज सकता है. क्षीर सागर की शैया पर बस “धन” के छींटे पड़ते रहें तो “मुखिया जी” को न अपने दल की चिंता और न महामहिम के पद की गरिमा की।
दीपक बैज ने कहा ये कितना दुर्भाग्य है जिले के कलेक्टर महामहिम राज्यपाल के बराबर बैठते है
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने एक्स पोस्ट पर लिखा कि यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिले के कलेक्टर महामहिम राज्यपाल के बराबर में बैठते हैं। स्वयं राज्यपाल को उन्हें टोकना पड़ता है। एक सर्वमान्य सीनियर आदिवासी नेता ननकीराम कंवर जी को अपने सामने खड़ा रखते हैं और इस पर प्रतिक्रिया देने पर प्रदेश के पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को प्रतिक्रिया वापस लेने निर्देश पत्र जारी कर देते हैं। क्या राज्यपाल के जिलों के दौरे से भाजपा इतनी क्षुब्ध हो गई कि इशारों इशारों में राज्यपाल की गरिमा से छेड़छाड़ कर रही है? पूर्व मंत्री और भाजपा के सीनियर आदिवासी नेता ननकी राम कंवर ने इस सरकार की पोल खोलकर रख दी है, सुनिए केदार कश्यप ये हाल है प्रदेश में आदिवासी नेताओं का तो आदिवासियों का क्या हाल होगा? कहीं इन सबके पीछे आपका हाथ तो नहीं..? यह भी जांच का विषय है।
ननकीराम कंवर का भी बयान आया सामने, जयसिंह अग्रवाल के बयान का किया समर्थन
बता दे कि इस मामले में दिलचस्प मोड तब आया जब स्वयं ननकी राम कंवर ने भी कलेक्टर के राज्यपाल के बगल में बैठे रहने को अनुचित बताया और जयसिंह अग्रवाल के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि एक वरिष्ठ नेता के तौर पर उनके सामने कलेक्टर का बैठे रहना सही नहीं था। नादान तो नहीं कहूंगा पर बहुत ग़लत व्यक्ति कलेक्टर बन गया हैं। जब ग्रामीणों की समस्या लेकर उनके कार्यालय जाने पर जो मुझे कह सकते हैं कि मेरे सामने लोगों को क्यों लाते हो..जबकि मैं प्रदेश का गृह मंत्री रह चुका हूं।अरे,मेरी जितनी राजनीतिक उम्र है उतनी तो उनकी सर्विस नहीं होगी।
जयसिंह अग्रवाल द्वारा उठाए गए सवाल पर ननकीराम कंवर ने कहा कि एक राजनीतिक व्यक्ति के साथ इस तरह का व्यवहार होता है, तो स्वाभाविक है कि वह टिप्पणी करेगा और उन्होंने (जयसिंह अग्रवाल) सही टिप्पणी की है। इसके साथ ही उन्होंने कलेक्टर के व्यवहार पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरबा के लिए बहुत ही गलत व्यक्ति कलेक्टर बना है।
नेता प्रतिपक्ष के बयान के बाद सरगर्मी बढ़ी
इस मामले में विधानसभा में सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कलेक्टर द्वारा जारी किए गए नोटिस की भाषा ओर शब्दावली को बेहद आपत्तिजनक बताया। महंत ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर को लेकर जिस तरह का रवैया दिखाया गया वह लोकतंत के लिए उचित नहीं हैं। उन्होंने प्रशासन से इस नोटिस को तत्काल वापस लेने की मांग की है साथ ही उन्होंने कहा कि अफसरों को अपनी सीमा से रहना चाहिए।
क्या था मामला
14 जुलाई 2025 को जयसिंह अग्रवाल ने अपने फेसबुक अकाउंट से एक तस्वीर साझा की थी, जिसमें ननकीराम कंवर खड़े नजर आ रहे हैं, जबकि कलेक्टर अजीत वसंत और राज्यपाल रमेन डेका बैठे हुए दिख रहे हैं। इस पोस्ट में जयसिंह अग्रवाल ने लिखा कि छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता का अपमान बहुत ही कष्टप्रद है। छत्तीसगढ़ के वरिष्ठतम आदिवासी नेता, पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर खड़े हैं, जबकि राज्यपाल रमेन डेका के साथ कलेक्टर अजीत बसंत बैठे हुए हैं। यह जान और सुनकर अत्यंत पीड़ा हुई।
विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है
अब देखना यह है कि यह विवाद किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसके क्या राजनीतिक परिणाम होंगे।