सवाई माधोपुर/राजस्थान, 13 अक्टूबर। Brutality : राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। गंगापुर सिटी क्षेत्र में एक 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला कमला देवी के दोनों पैरों के पंजे बेरहमी से काट दिए गए, केवल इसलिए कि उसके पैरों में चांदी के कड़े थे। वारदात के बाद महिला जंगल में रातभर तड़पती रही, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। सुबह होते ही उसने झाड़ियों से निकलकर मदद के लिए गुहार लगाई, जिससे उसकी जान बच सकी।
मजदूरी का झांसा बन गया जाल
पीड़िता कमला देवी, पत्नी मूलचंद रेगर, मूलतः बामनवास क्षेत्र की रहने वाली हैं और निर्माण कार्य में मजदूरी करती थीं। 5 अक्टूबर को एक अज्ञात युवक उनसे मिला और काम दिलाने का झांसा देकर 8 अक्टूबर को गंगापुर सिटी बुलाया। कमला देवी अपनी बहू सीमा और एक अन्य महिला के साथ वहां पहुंचीं।
आरोपी ने पहले बहू और साथी महिला को बाइक पर किसी बहाने से दूसरी जगह छोड़ा और कहा कि वह कमला देवी को लेकर आ रहा है, लेकिन उसे सीधे जंगल ले जाकर हमला कर दिया।
आरोपी ने जंगल में कमला देवी के पैरों के डेढ़ किलो वजनी चांदी के कड़े लूटने के लिए दोनों पंजे काट दिए। महिला दर्द से कराहती रही, लेकिन किसी ने उसकी चीखें नहीं सुनीं। आरोपी वारदात के बाद फरार हो गया।
साहस की मिसाल, दर्द में भी नहीं हारी हिम्मत
कमला देवी पूरी रात झाड़ियों में लहूलुहान पड़ी रहीं। वह दर्द से बेहाल थीं लेकिन सुबह होने तक होश और हिम्मत बनाए रखा। जैसे-तैसे घिसटते हुए झाड़ियों से बाहर आईं और मदद के लिए आवाज लगाई। स्थानीय ग्रामीणों ने जब उनकी हालत देखी तो तुरंत पुलिस को सूचना दी।
अस्पताल में भर्ती, SMS जयपुर किया गया रैफर
पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंची और कमला देवी को तत्काल अस्पताल ले जाया गया। गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें SMS अस्पताल, जयपुर रैफर किया गया, जहां इलाज जारी है।
आरोपी की तलाश तेज, SIT गठित
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन कर दिया है। एसपी सुधीर चौधरी ने बताया कि, CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं। इलाके में नाकेबंदी कर दी गई है। कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है।
घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है, ये केवल एक लूट की घटना नहीं, इंसानियत को शर्मसार करने वाला अपराध है।
इस अमानवीय हमले के बावजूद कमला देवी ने जो साहस दिखाया, वह हर किसी को प्रेरित करता है। उनका जिंदा बच जाना और मदद के लिए आवाज उठाना, इस बात का प्रतीक है कि आशा और साहस किसी भी अंधेरे से लड़ने की ताकत रखता है।