Teeja Pora in CM House: रायपुर। छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार तीजा और पोरा आज मुख्यमंत्री निवास में बड़े धूमधाम से मनाया गया। विष्णु भैया संग तीजा-पोरा महतारी वंदन तिहार के भव्य आयोजन में प्रदेश भर से आईं महिलाओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर सभी बहनों का स्वागत किया और उन्हें तीजा-पोरा की शुभकामनाएं दीं।
Teeja Pora in CM House: मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर महतारी वंदन योजना के तहत सातवीं किश्त के रूप में प्रदेश की 70 लाख माताओं और बहनों के खातों में 1-1 हजार रुपये की राशि का भुगतान किया। इस योजना के तहत आज 653 करोड़ रुपये की राशि का वितरण किया गया, जिससे अब तक कुल 4578 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
Teeja Pora in CM House: इस समारोह में मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय पोषण माह का शुभारंभ भी किया। उन्होंने महिलाओं को पोषण माह 2024 की शपथ दिलाई और सुपोषण रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान राष्ट्रीय पोषण माह के पोस्टर का विमोचन भी किया गया।
Teeja Pora in CM House:कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री श्री साय ने अपनी धर्मपत्नी कौशल्या साय के साथ भगवान शिव की पूजा अर्चना की और प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने तीजा के महत्व को बताते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ की परंपरा और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।
Teeja Pora in CM House: उन्होंने यह भी बताया कि पोरा तिहार किसानों और पशु प्रेम के प्रति समर्पित है और छत्तीसगढ़ की परंपरा में इसका विशेष महत्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महतारी वंदन योजना के तहत हर माह की पहली सप्ताह में एक-एक हजार रुपये की राशि महिलाओं के खातों में जमा की जाती है, जिससे महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है।
Teeja Pora in CM House: इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, वन मंत्री केदार कश्यप, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और अन्य प्रमुख नेताओं ने भी अपने विचार साझा किए।
CM House Teeja Pora : मुख्यमंत्री निवास को इस अवसर पर परंपरागत ग्रामीण परिवेश में सजाया गया था, जहां छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। तीजा-पोरा तिहार के मौके पर मुख्यमंत्री निवास में पारंपरिक बैलागाड़ी, नंदिया-बइला और खिलौनों से सुसज्जित किया गया। साथ ही, पारंपरिक खेलों जैसे फुगड़ी, कुर्सी दौड़ और रस्सी खींच का भी आयोजन हुआ, जिसमें सभी ने बड़े उत्साह से भाग लिया।