SECL Reprimanded : एसईसीएल को हाई कोर्ट की फटकार “कोयला बेचते हैं, बाक़ी जाने ट्रांसपोर्टर…?”
चीफ जस्टिस ने जताई सख्त नाराजगी, दिए सख्त निर्देश

बिलासपुर, 23 जुलाई। SECL Reprimanded : कोल ट्रांसपोर्टिंग के दौरान उड़ते कोयले की धूल और उससे जनता को हो रही तकलीफ को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में आज मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच में अहम सुनवाई हुई। मामले में एसईसीएल (SECL) द्वारा दिए गए जवाब पर मुख्य न्यायाधीश गंभीर नाराजगी जताई और सख्त टिप्पणियों के साथ आवश्यक निर्देश जारी किए।
चीफ जस्टिस का तीखा प्रहार
एसईसीएल की ओर से दिए गए शपथ पत्र में कहा गया कि कोयले का ट्रांसपोर्टेशन ट्रांसपोर्टर्स के जिम्मे है, इस पर चीफ जस्टिस भड़क उठे। उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “यह तो वही बात हो गई कि शराब बेचने वाला कहे, हम तो शराब बेचते हैं, बाकी पीने वाला जाने। आप ट्रांसपोर्टर के हवाले सब कुछ छोड़कर जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।”
“यदि ऐसा है तो ट्रांसपोर्टिंग बंद करवा देंगे”
कोयले की ढुलाई के दौरान उड़ रही धूल, टूटी सड़कों, कीचड़ और आम नागरिकों को हो रही असुविधा पर चीफ जस्टिस ने कहा, “आप कोल प्लांट चलाइए, किसी को आपत्ति नहीं है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोग अस्थमा से मर जाएं, एक्सीडेंट हों, सड़कों में गड्ढे हो जाएं और जनता परेशान हो। यदि ऐसा रवैया रहा तो हम कोल ट्रांसपोर्टिंग बंद करवा देंगे, आप रखिए अपना कोयला अपने पास।”
“हम खुद ट्रैवल करते हैं, फोटो दे सकते हैं”
एसईसीएल के अधिवक्ता ने जब नियमों का पालन किए जाने और बैरियर पर निगरानी की बात कही, तो चीफ जस्टिस ने कहा, “आप तो ट्रांसपोर्टरों की गाड़ियों की तरफ देखेंगे ही नहीं, उल्टा मुंह घुमा लेंगे। हम खुद यात्रा करते हैं और तस्वीरें भेज सकते हैं कि क्या हालत है।”
“एसईसीएल एक मजदूर के लिए बड़े वकील खड़ा कर देती है”
चीफ जस्टिस ने एसईसीएल की कानूनी रणनीति पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “आप लोगों की लिटिगेंसी हमने देखी है। एसईसीएल एक मजदूर को नौकरी से रोकने के लिए बड़े-बड़े वकील खड़ा कर देती है। अब जब जनता की बात आई तो आप जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।”
सुनवाई के दौरान यह भी उजागर हुआ कि माइनिंग एरिया में कोयला ले जाने को लेकर ट्रांसपोर्टरों में विवाद हुआ और हत्या तक की घटना हो चुकी है। इस पर चीफ जस्टिस ने कड़ा रुख दिखाते हुए कहा, “कल ही मर्डर हुआ है, आप खुद उसका विरोध करने कोर्ट आए थे, और अब कह रहे हैं कि सब ठीक है? ऐसा नहीं चलेगा।”
खुला कोयला ले जाने पर परमिट रद्द करें
मुख्य न्यायाधीश ने अंत में सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा, बिना कवर के कोयला ले जा रही गाड़ियों को परमिट ना दिया जाए। हाईवे पेट्रोलिंग टीम इन वाहनों की निगरानी करेगी। यदि नियमों का उल्लंघन पाया गया तो संबंधित ट्रांसपोर्टर का एग्रीमेंट और रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए। एसईसीएल को निर्देश दिया गया कि वे एक फ्रेश एफिडेविट पेश करें।
कोर्ट ने जताई चिंता
मुख्य न्यायाधीश ने साफ कहा कि वे सिर्फ दस्तावेजों तक सीमित नहीं रहेंगे। नागरिकों की सेहत, सुरक्षा और सड़कों की हालत को लेकर कोर्ट आंखें बंद नहीं कर सकता। कंपनियों को मुनाफा कमाना है, पर समाज और पर्यावरण की कीमत पर नहीं।