
कोरबा। कोरबा वनमंडल के पसरखेत रेंज से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक और दुखद खबर सामने आई है। बगधरी डांड के समीप एक हाथी के नवजात बच्चे की मौत हो गई है। शावक की उम्र महज दो दिन बताई जा रही है। वन विभाग के अनुसार, नवजात की मौत का कारण निमोनिया है। शव का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
लगातार दो मौतों से जंगल में चिंता का माहौल
गौरतलब है कि महज दो दिन पहले इसी क्षेत्र में एक वयस्क हाथी की करंट लगने से मौत हुई थी। वह मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि एक और जान चली गई, जिससे वन अमले में हड़कंप मच गया है।
डीएफओ निशांत कुमार का बयान
“पसरखेत रेंज अंतर्गत बगधरी डांड क्षेत्र में एक हाथी के दो दिन के नवजात शावक की मौत निमोनिया से हुई है। पोस्टमार्टम उपरांत नियमानुसार अंतिम संस्कार कराया गया है।”
बार-बार हो रही मौतें, सवालों के घेरे में वन सुरक्षा प्रणाली
जंगल में हाथियों की लगातार हो रही मौतों ने एक बार फिर से वन्यजीव संरक्षण और निगरानी व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जानकारों का मानना है कि शावक की मौत भले ही प्राकृतिक कारणों से हुई हो, लेकिन हाल ही में हुई करंट से मौत और उसके बाद यह घटना वन विभाग की सतर्कता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
क्या कहता है ग्राउंड रियलिटी?
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि इलाके में लंबे समय से हाथियों की आवाजाही बनी हुई है, लेकिन सुरक्षा और निगरानी के पर्याप्त उपाय नहीं किए गए हैं। वन्यजीवों की रक्षा को लेकर विभागीय दावों और ज़मीनी हकीकत के बीच अंतर साफ झलकता है।