
कोरबा। जनपद पंचायत कोरबा में सचिवों के ट्रांसफर को लेकर कथित तौर पर ‘नजराना वसूली’ का खेल तेज हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, मनचाही पंचायत में पोस्टिंग पाने के इच्छुक सचिवों को भारी-भरकम रकम चढ़ानी पड़ रही है।
जानकारी के अनुसार, यहां लंबे समय से ट्रांसफर के दौरान कथित तौर पर अतिरिक्त रकम लेने की प्रथा चल रही है, लेकिन हाल के दिनों में यह सिलसिला और महंगा हो गया है। अब रूटीन तबादले के लिए भी विशेष शर्तें रखी जा रही हैं। खबरीलाल की मानें तो, पसंदीदा पंचायत में पदस्थापना के लिए सचिवों से आधा पेटी तक का ‘शुक्राना’ वसूला जा रहा है।
इस तरह की कथित वसूली से न केवल पंचायत व्यवस्था की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि यह भी चर्चा का विषय है कि क्या जनपद स्तर पर ट्रांसफर प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष है या नहीं। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत सचिवों की भूमिका विकास कार्यों के संचालन, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और गांव स्तर पर प्रशासनिक गतिविधियों में अहम होती है, ऐसे में इस तरह की प्रथाएं सीधे तौर पर जनहित को प्रभावित कर सकती हैं।
स्थानीय लोग इस मामले की जांच और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, इस विषय पर जनपद पंचायत प्रशासन की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया फिलहाल सामने नहीं आई है।