बालकोनगर

Jagannath Bahuda Yatra Festival : बालकोनगर में भक्तिमय उल्लास के साथ संपन्न हुई भगवान जगन्नाथ की बहुड़ा यात्रा…कर्मा नृत्य ने मोहा मन

44 वर्षों की परंपरा को निभाते हुए नगरवासियों ने खींचा रथ

बालकोनगर, 05 जुलाई। Jagannath Bahuda Yatra Festival : भगवान जगन्नाथ की बहुड़ा यात्रा का पावन उत्सव बालकोनगर में उत्कल भारती सेवा समिति के तत्वावधान में धार्मिक श्रद्धा और भव्यता के साथ संपन्न हुआ। भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रामलीला मैदान स्थित मौसी के घर (गुंडिचा मंदिर) से राममंदिर लौटे। यह यात्रा आस्था, परंपरा और भक्ति का अद्भुत संगम रही।

श्रद्धालुओं ने खींचा पुण्य रथ

बालको के मुख्य प्रचालन अधिकारी आशुतोष द्विवेदी की अगुवाई में बड़ी संख्या में बालको अधिकारी, कर्मचारी, उनके परिजन और नगरवासी रथ खींचने पहुंचे। हर भक्त के हाथ में आस्था की डोर थी, जो रथ से जुड़ी हुई थी। रथ यात्रा के मार्ग पर हर तरफ जय जगन्नाथ के जयघोष गूंजते रहे।

कर्मा नृत्य ने बढ़ाया उत्सव का रंग

यात्रा के दौरान रथ के आगे कर्मा नर्तकों का दल तालबद्ध नृत्य प्रस्तुत करता चल रहा था, जिससे पूरे वातावरण में सांस्कृतिक रंग और अध्यात्मिक ऊर्जा भर गई। नृत्य की लय और भक्तों की श्रद्धा ने मिलकर इस यात्रा को विशेष बना दिया।

राममंदिर में हुई पुनः स्थापना

रथयात्रा बालकोनगर के विभिन्न मार्गों से होती हुई राममंदिर पहुंची, जहां भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पूजा-अर्चना और पुनः प्रतिष्ठा की गई। श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से आरती की और प्रसाद ग्रहण किया।

44 वर्षों से चली आ रही परंपरा

बालकोनगर में रथयात्रा उत्सव की यह लगातार 44वीं वर्षगांठ रही, जो समिति और नगरवासियों की आस्था व परंपरागत जुड़ाव का प्रमाण है। 27 जून से 5 जुलाई तक नौ दिवसीय कार्यक्रम में भजन, कीर्तन और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए, जिसमें नगरवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

भगवान जगन्नाथ की बहुड़ा यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता और श्रद्धा का महापर्व बन चुकी है। बालकोनगरवासियों ने इस परंपरा को जीवंत बनाए रखा है और भावी पीढ़ियों को एक समृद्ध विरासत सौंप रहे हैं।

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