
टाटा प्रोजेक्ट्स में व्यापक पैमाने पर किया गया घोटाला, पूर्व मंत्री ने केन्द्रीय संचार मंत्री को लिखा पत्र
कोरबा। छत्तीसगढ़ में टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड (टीपीएल) द्वारा व्यापक पैमाने पर संचार घोटाला किया गया है। अग्रिम राशि के तौर पर टीपीएल को भुगतान भी किया गया है। जिसकी वसूली को लेकर पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने केन्द्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखा है।
श्री अग्रवाल ने पत्र में लिखा है कि राज्य के सभी 5987 ग्राम पंचायतों में फाइबर केबल बिछाकर इंटरनेट से जोड़ने की मंशानुरूप वर्ष 2018 में राज्य सरकार द्वारा टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को कार्य का आवंटन किया।गया था। निविदा शर्तों के अनुरूप उक्त कार्य को एक साल में पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा ठेका दिया गया था। राज्य ने सरकार परियोजना की मानिटरिंग व निगरानी का कार्य सरकारी संचार एजेंसी चिप्स को सौंपते हुए नोडल एजेंसी बनाया था। परियोजना के लिए केन्द्र सरकार ने 2155 करोड़ और राज्य सरकार ने 112 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा था। टीपीएल ने कुल 5987 में से 5540 ग्राम पंचायतों के लिए कार्य आरंभ किया था। जिसके जरिए टीपीएल द्वारा अनुमानित एक साल में सभी 5540 पंचायतों में इंटरनेट सुविधा आरंभकर दिया जाना था। जिस काम को एक साल में पूरा करना था, वह सात वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो सका। ठेका आवंटन के समय उक्त कार्य को पूरा करने के लिए टीपीएल द्वारा 167 करोड़ रूपए की अमानत राशि राज्य सरकार के पास जमा कराई गई थी। समय समय पर जारी भुगतान के तौर पर टीपीएल को विगत सात वर्षों में 16 सौ करोड़ का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा चुका है। श्री अग्रवाल ने कहा है कि अखबार के हवाले से इस बात का खुलासा भी हुआ है कि नोडल एजेंसी चिप्स द्वारा 2024 में जांच करने पर 200 से भी कम ग्राम पंचायतों में इंटरनेट काम करता हुआ पाया गया। एक साल के भीतर नोडल एजेंसी द्वारा टीपीएल को अनेक नोटिस जारी किए गए। टीपीएल द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने पर मई 2025 में चिप्स ने टीपीएल का ठेका रद्द करते हुए अमानत राशि 167 करोड़ को जप्त कर लिया है। जप्ती के बाद भी टीपीएल को 1433 करोड़ रूपए का अतिरिक्त भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा चुका है। जिसके वूसली की कार्रवाई के लिए निर्देशित करने का आग्रह श्री अग्रवाल ने केन्द्रीय संचार मंत्री से किया है।