Jashpur : जल संसाधन विभाग में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता, कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक निलंबित, विभागीय जांच के आदेश

जशपुर, 20 अगस्त। Jashpur : छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग में एक बड़ा वित्तीय घोटाला उजागर हुआ है। जशपुर संभाग के सुसडेगा व्यपवर्तन योजना के अंतर्गत कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक पर ठेकेदार को करोड़ों की अतिरिक्त सुरक्षा निधि समय से पहले जारी करने का आरोप है। मामले को गंभीर मानते हुए राज्य शासन ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है, साथ ही विभागीय जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं।
क्या है मामला?
2021 में अनुबंध क्रमांक 19 डी.एल./2020-21 के तहत योजना का कार्य प्रारंभ किया गया था। इसके अंतर्गत ठेकेदार ने ₹2,93,90,000 की अतिरिक्त सुरक्षा निधि एफडीआर के रूप में जमा की थी। नियमानुसार, यह राशि कार्य पूर्ण होने और पूर्णता प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही वापस की जा सकती थी।
लेकिन जांच में सामने आया कि तत्कालीन कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक ने नियमों की अनदेखी करते हुए ठेकेदार की दो एफडीआर समय से पूर्व ही रिलीज कर दीं:
- एफडीआर क्रमांक 1764903 – ₹1,46,95,000
- एफडीआर क्रमांक 1764904 – ₹1,46,95,000
इस प्रकार ठेकेदार को अवैध रूप से ₹2.93 करोड़ का अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जबकि कार्य की प्रगति मात्र 60% ही थी।
क्या है जोखिम?
- कार्य अभी अधूरा है और ठेकेदार द्वारा शेष कार्य पूर्ण करने के कोई गंभीर प्रयास नहीं किए जा रहे।
- यदि कार्य अधूरा रह जाता है, तो विभाग अब सुरक्षा निधि को राजसात नहीं कर पाएगा, जिससे राजकोषीय नुकसान की पूरी आशंका है।
- यह कृत्य शासन की वित्तीय पारदर्शिता और अनुशासन पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
राज्य शासन की सख्त कार्रवाई:
- कार्यपालन अभियंता विजय जामनिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया।
- निलंबन अवधि में मुख्यालय: मुख्य अभियंता, महानदी गोदावरी कच्छार, जल संसाधन विभाग, रायपुर
- निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।
- साथ ही पूरे प्रकरण की विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
राज्य सरकार द्वारा की गई यह कार्रवाई एक स्पष्ट संकेत है कि वित्तीय अनुशासनहीनता और लापरवाही को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह मामला विभागीय कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को फिर एक बार उजागर करता है।