शाहजहांपुर, 28 अगस्त। Suicide by Murder : शाहजहांपुर में एक व्यापारी परिवार की दर्दनाक कहानी सामने आई है। हैंडलूम व्यापारी सचिन ग्रोवर ने अपनी पत्नी शिवांगी और 3 साल के मासूम बेटे फतेह के साथ आत्महत्या कर ली। सचिन पर 50 लाख रुपये का कर्ज था और जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी सब्सिडी दिलाने के बदले 25 लाख रुपये की रिश्वत मांग रहे थे।
इस घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर दिया है। हर कोई इस बात को लेकर सदमे में है कि आखिर कोई परिवार इतना मजबूर कैसे हो सकता है कि अपने बच्चे की हत्या कर दे और फिर खुद भी आत्महत्या कर ले।
33 पन्नों का सुसाइड नोट
आपको बता दें कि पूरी घटना रोजा थाना क्षेत्र के दुर्गा एनक्लेव कॉलोनी की है। यहां व्यापारी सचिन ग्रोवर अपनी पत्नी शिवांगी और मासूम बेटे फतेह के साथ रहते थे। जानकारी के मुताबिक, सचिन ने अपने कारोबार के लिए जिला उद्योग केंद्र से ₹50 लाख का लोन लिया था। इस लोन पर सरकार की तरफ से भारी सब्सिडी मिलने वाली थी, लेकिन यहीं से उनकी परेशानी शुरू हुई।परिजनों के अनुसार, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी सब्सिडी दिलाने के बदले उनसे ₹25 लाख की रिश्वत मांग रहे थे।
बेबस परिवार की बेबसी और निराशा ऐसी है कि शायद उन्होंने सोचा होगा कि अगर वे इस दुनिया में नहीं रहे तो उनका मासूम बच्चा अनाथ हो जाएगा। ऐसे में उन्होंने अपने बेटे को पहले जहर दिया, फिर खुद भी फांसी के फंदे पर झूल गए। पुलिस को मौके से 33 पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें सचिन ने अपनी आपबीती लिखी है। माना जा रहा है कि नोट में कर्ज और रिश्वत की मांग करने वालों का जिक्र भी है।
एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि, पति-पत्नी और उनके बच्चे ने आत्महत्या की है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों पर गंभीर आरोप
सुसाइड नोट की शुरुआत ही दिल दहला देने वाली है। सचिन ने लिखा है, ‘जब यह लेटर किसी को मिलेगा, तब तक मैं सचिन ग्रोवर, मेरी पत्नी शिवांगी, मेरा बेटा फतेह मेरी जान, मेरा जहान सबकुछ खत्म हो चुका होगा। उन्होंने अपनी जिंदगी बर्बाद होने की वजह बरेली में कारोबार शुरू करने को बताया। लॉकडाउन के दौरान कारोबार में भारी नुकसान हुआ और उन पर कर्ज का बोझ बढ़ता गया।
सचिन ने अपने सुसाइड नोट में बताया कि कैसे कर्ज से बाहर निकलने के लिए ससुराल वालों ने उनका साथ दिया लेकिन खुद के घरवालों ने नहीं। उन्होंने लिखा, ‘मेरी फैक्ट्री, मेरी ससुराल का घर और उनका जेवर सब गिरवी था। तभी मेरे सास-ससुर, साले और मेरी वाइफ ने पैसों और मॉरली फुल सपोर्ट करके मुझे इस टेंशन से निकाला। वहीं, उन्होंने अपने ही परिवार पर सपोर्ट न करने का आरोप लगाया। नोट में लिखा है, मेरी अपनी फैमिली ने मेरा कोई सपोर्ट नहीं किया।
सचिन के सुसाइड नोट में कई ऐसे नाम हैं, जिन पर उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने भाई, चाचा और कुछ दोस्तों को भी अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। हालांकि, पुलिस ने अभी इन नामों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। यह सुसाइड नोट बताता है कि व्यापारी सिर्फ आर्थिक तंगी से ही नहीं, बल्कि अपनों की बेरुखी और धोखे से भी परेशान था।