Brain study will be done with artificial intelligence, treatment will also become easier
इंटरनेट डेस्क। artificial intelligence: मस्तिष्क की जटिलता को समझना जितना कठिन है, उसी अनुपात में इससे जुड़ी बीमारियों का इलाज भी, लेकिन नए शोध दिमाग के रहस्य की परतों को खोल रहे हैं। मस्तिष्क पर शोध करने वाले संस्थान राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (एनबीआरसी) ने सिजोफ्रेनिया जैसी ही घातक कई अन्य मानसिक बीमारियों के इलाज को लेकर नई उम्मीद जगाई है।
artificial intelligence: सब हेड न्यूरॉन्स की गतिविधि से पकड़ में आएगी दिमाग की बीमारी
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और अल्बोरिज्म डेवलप का प्रयोग कर ब्रेन स्कैन की स्टडी की गई तो पता चला कि हर मानसिक बीमारी का अपना एक विशेष पैटर्न होता है। चार साल तक अलग-अलग मानसिक बीमारियों से ग्रसित 400 मरीजों पर गहराई से शोध कर यह निष्कर्ष निकाला गया।
artificial intelligence: यह शोध प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मेडिकल जर्नल नेचर पब्लिशिंग ग्रुप में भी प्रकाशित हुआ है। शोध में डॉक्टरों ने पाया कि न्यूरांस की सक्रियता के कारण हर बीमारी का अपना पैटर्न बनता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि बीमारियों के अलग पैटर्न को समझने से जहां बीमारियों की जटिलता को समझने में मदद मिलेगी, वहीं इनके इलाज में प्रयोग होने वाली दवाओं के अनुसंधान में भी क्रांति आएगी।
artificial intelligence: भारतीय जनसंख्या का पांच प्रतिशत प्रभावित
artificial intelligence: विज्ञानियों के अनुसार भारत में मानसिक रोगियों की संख्या का सटीक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन सिजोफ्रेनिया, पोस्ट-ट्रामेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर, बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों की संख्या भारत की कुल आबादी में पांच प्रतिशत तक हो सकती है। हालांकि भारत में मानसिक बीमारियों के प्रति आज भी लोगों में काफी भ्रांतियां हैं। ऐसे में सभी मरीज चिकित्सकों तक पहुंच भी नहीं पाते या फिर वह किसी मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं, इसे ही नहीं समझ पाते।