रायपुर। रायपुर एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने गोबरा नवापारा थाना प्रभारी अवध राम साहू को काम में लापरवाही और पारागांव में अवैध रेत खनन के एक मजदुर की मौत के आरोपियों को संरक्षण देने के मामले में लाइन अटैच कर दिया है। बीते दिनों पारागांव रेत खदान में एक मजदूर की अवैध तरीके से रेत चोरी करने के दौरान मौत हो गई थी।
इस मामले में थानेदार आरोपियों के खिलाफ जांच में ढिलाई बरत रहा था, जिससे गांव वालों में नाराजगी थी। टीआई अवध राम साहू लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ही रक्षित आरक्षी केंद्र से गोबरा नवापारा थाना के प्रभारी नियुक्त किए गए थे लेकिन कुछ ही महीनों बाद उन्हें दुबारा लाइन अटैच कर दिया गया है।
दरअसल रायपुर के नवापारा, अभनपुर, राजिम के कई नदी तट के इलाकों में अवैध तरीके से रेत खनन के मामले सामने आते रहते हैं ऐसा ही एक मामले की सूचना गुरुवार रात डेढ़ बजे के करीब पुलिस को मिली कि सीएचसी केंद्र गोबरा नवापारा में एक शव लाया गया है।
जिसमें एक व्यक्ति की गंभीर चोट लगने से मौत हो गई है। इस मामले में गोबरा नवापारा थाना में घटना के 36 घंटे बाद मृतक के परिजनों और गांव वालों विरोध के बाद एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में अभनपुर एसडीएम रवि सिंह ने परिजनों को मुआवजा राशि और ठोस कार्यवाई का आश्वासन दिया था। पुलिस के जारी बयान के मुताबिक, मृतक की पहचान घोट गांव के रहने वाले राजेश यादव के तौर पर हुई।
मृतक को 12 जून की रात को अवैध रेत खनन में शामिल आरोपी जयवर्धन बघेल ने काम के लिए बुलाया था। आरोपी जब पारागांव रेत खदान में रेत की खुदाई कर रहे थे, इस दौरान जेसीबी मशीन में दबकर राजेश यादव के कमर में गंभीर चोट आई थी जिससे उसकी दिल की धड़कन रुक गई और मौत हो गई। इस मामले में गोबरा नवापारा थाना की टीम ने खनिज विभाग के पत्र और घटनास्थल की जांच पड़ताल कर 6 व्यक्तियों को आरोपी बनाया था।
सभी आरोपी अवैध तरीके से अंधेरे में रेत की चोरी कर रहे थे उसी दौरान ये हादसा हुआ। फिलहाल पुलिस ने इस मामले में जयवर्धन बघेल, निलेश सिंह राजपूत, विमलेश द्विवेदी को गिरफ्तार किया है। इस मामले में तीन अन्य आरोपी मुकेश ढिढी, अंकित तिवारी और अज्जू फरार है। पुलिस के मुताबिक, मुकेश ढिढी इस पूरे कांड का मास्टरमाइंड है।