कोरबा। एसईसीएल कुसमुंडा खदान में कोयला उत्खनन के लिए किए जा रहे हैवी ब्लास्टिंग के मामले को गंभीरता से लेते हुए ग्रामीणों के जानमाल की सुरक्षा व जनहित में अंकुश लगाने की मांग पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने की है। कलेक्टर अजीत बसंत के साथ ही प्रमुख सचिव, छत्तीसगढ़ शासन, सचिव उद्योग विभाग छत्तीसगढ़ शासन और अध्यक्ष सह-प्रबंध निदेशक एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर को पत्र लिख अग्रवाल ने कहा है कि कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कुसमुंडा खदान प्रबंधन द्वारा अपनाई जा रही कार्यप्रणाली ग्रामीणों के जानमाल की सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी रूप में उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के जानमाल से खिलवाड़ करते हुए उत्पादन लक्ष्य को हासिल करना एसईसीएल प्रबंधन की कार्यशैली पर बहुत बड़ा सवालिया निशान लगाता है, इसे किसी भी दृष्टि से सर्वोपरि नहीं माना जा सकता है। पूर्वमंत्री ने कहा कि ग्रामीण अंचलों में प्रायः खपरैल अथवा एस्बेस्टस शीट की छत वाले मकान होते हैं। हैवी ब्लास्टिंग की वजह से न केवल उनके मकानों की दीवारें क्षतिग्रस्त हो रही हैं बल्कि कई बार बड़े पत्थरों के टुकड़े छिटककर मकानों की छतों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
ऐसे समय घर के भीतर रहने वाले लोगों के साथ कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है। अग्रवाल ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन की इस तरह की गैर जिम्मेदाराना कार्य प्रणाली से क्षेत्र के निवासियों में आक्रोश पनप रहा है जो कभी भी विस्फोटक रूप धारण कर सकता है। किसी भी प्रकार की अप्रिय वारदात घटित होने से इसे गंभीरता से लेते हुए जनहित में खदानों के निकटवर्ती बसाहट वाले ग्रामीणों को राहत दिलाने के लिए एसईसीएल प्रबंधन के साथ ठोस रणनीति तैयार कर अमल लाया जाए।