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संविधान बचाओ रैली : कांग्रेस के सभी बड़े नेता एक साथ दिखे मंच पर, सचिन पायलट ने कहा यह रैली केवल भाषण के लिए..चेतना जगाने के लिए हो रही है…

जांजगीर। जांजगीर-चांपा जिले में कांग्रेस पार्टी ने ‘संविधान बचाओ रैली’ का आयोजन किया। इस अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं छत्तीसगढ़ के प्रभारी सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, और पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव सहित कई वरिष्ठ नेता मंच पर उपस्थित रहे।

‘संविधान और लोकतंत्र को बचाने की मुहिम’

मुख्य अतिथि सचिन पायलट ने अपने संबोधन में कहा कि देश में जबरदस्त गर्मी के बीच यह रैली केवल भाषण देने के लिए नहीं हो रही, बल्कि देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने की चेतना जगाने के लिए हो रही है। पायलट ने कश्मीर मसले पर अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि हमें आश्चर्य होता है कि पाकिस्तान के खिलाफ सीजफायर की घोषणा भारत की जगह अमेरिका जैसे देश कर रहे हैं, वो भी व्यापारिक हितों के चलते। क्या हम कुछ डॉलर के लिए युद्धविराम कर लेंगे? भारत और पाकिस्तान को एक तराजू में तौलना गलत है। भारत कभी ऐसे निर्णय बाहरी दबाव में नहीं लेता।

‘आतंकवाद की भेंट चढ़े इंदिरा और राजीव’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस आतंकवाद की मार झेल चुकी है। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे नेता आतंकवाद की भेंट चढ़े। हाल ही की पहलगाम की घटना भी आम हमला नहीं, बल्कि आतंक फैलाने की साजिश थी। सेना ने हमेशा पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, लेकिन केंद्र सरकार की कूटनीति सवालों के घेरे में है।

 

पायलट ने भाजपा के 400 पार के दावे पर तंज कसते हुए कहा कि देश की जनता ने अहंकार का जवाब दिया है। 400 का नारा देने वालों को 240 पर रोक दिया। किसानों का महीनों आंदोलन चला, सरकार ने एक बार भी सुध नहीं ली। यही असंवेदनशीलता लोकतंत्र के लिए खतरा है।

हर भारतवासी को समानता का अधिकार देता है संविधान’

सभा को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि संविधान में सम्पूर्ण भारतवर्ष समाहित है। यह हर भारतवासी को समानता का अधिकार देता है, लेकिन वर्तमान समय में सत्ता और जनता के बीच की खाई लगातार गहरी होती जा रही है। उन्होंने कहा, “हम भारत के लोग” केवल एक किताबी जुमला बन गया है, जबकि इसे देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन में झलकना चाहिए।

महंत ने जांजगीर में ‘संविधान बचाओ रैली’ के आयोजन को क्षेत्र के लिए सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि संसद कानून बनाने की सर्वोच्च संस्था है, लेकिन वहां विपक्ष को अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिल रहा है। सरकार बहुमत के दम पर मनमाने तरीके से कानून बना रही है और संसद की गरिमा को ठेस पहुंचा रही है।

डॉ. महंत ने कहा कि आज देश में व्यक्ति पूजा का चलन तेजी से बढ़ा है। एक ही चेहरे को केंद्र में रखकर बाकी लोकतांत्रिक संस्थाओं को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान के रक्षक मूकदर्शक बने बैठे हैं।

जातिगत जनगणना की आवश्यकता पर बल देते हुए महंत ने कहा कि राहुल गांधी ने जब इसकी मांग उठाई, तब भाजपा ने उसका विरोध किया, लेकिन आज वही भाजपा इसे स्वीकार कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि देश में अब जातिगत आधार पर पारदर्शी जनगणना होगी, जिससे सामाजिक न्याय की दिशा में सार्थक कदम बढ़ सकेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 26/11 के समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तुरंत कार्रवाई की थी, कसाब को जिंदा पकड़ा गया था। लेकिन आज की सरकार की लापरवाही देखिए, पहलगाम की घटना के बाद गृहमंत्री खुद पहुंचे थे, पर आज तक दोषियों को नहीं पकड़ा गया।

इधर, मोदी सरकार लगातार कांग्रेस नेताओं को निशाना बना रही है। प्रियंका गांधी के पति के खिलाफ कार्रवाई, राहुल और सोनिया गांधी को कानूनी झमेलों में फंसाना इसी राजनीति का हिस्सा है।

बघेल ने कहा कि राहुल गांधी के जातिगत जनगणना की मांग के बाद केंद्र सरकार को झुकना पड़ा। उन्होंने महतारी वंदन योजना पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा, “28 हजार रुपए मजदूरों को मिलना था, लेकिन सरकार ने वह रोककर महिलाओं को सिर्फ 1000 रुपए दे दिए, यह ठगी है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि देश में संविधान को हर रोज खतरा है। बस्तर में जमीन खाली कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री खुद जुटे हैं, जबकि संविधान की रक्षा के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहा। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं ने भीमराव अंबेडकर का अपमान किया, और अब संविधान को कमजोर करने की कोशिश में जुटे हैं।

इस मौके पर पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि बीजेपी सरकार आए दिन संविधान के प्रावधानों को बदल रही है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने जब एसटी, एससी, ओबीसी और सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण देना चाहा, तो राज्यपाल ने उसे रोक दिया। केंद्र सरकार सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में सौंपकर आरक्षण की व्यवस्था खत्म कर रही है।

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