
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा विभाग द्वारा लागू किए गए युक्तियुक्तकरण के विरोध में 23 संगठनों के साझा मंच, शैक्षिक शिक्षक संगठन ने आंदोलन का आगाज कर दिया है। नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर 50 हजार से अधिक शिक्षकों ने एक दिवसीय धरना देकर चार सूत्रीय मांगों के साथ युक्तियुक्तकरण पर तत्काल रोक लगाने की मांग की थी। सरकार को दी गई दो दिवसीय अल्टीमेटम की समय सीमा आज समाप्त होने के बाद अब रायपुर के तूता मैदान में अनिश्चितकालीन संभाग स्तरीय आंदोलन शुरू हो गया है।
10,463 विद्यालयों का एकीकरण, 43,000 से अधिक पद अतिशेष
गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग ने बताया कि राज्य सरकार ने 10,463 विद्यालयों को एकीकृत कर प्रधान पाठक के पद और अधिकार समाप्त कर दिए हैं। इसके साथ ही 30,698 प्राथमिक और 13,111 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में एक-एक पद की कटौती कर 43,000 से अधिक पदों को अतिशेष घोषित किया गया है। इससे बीएड और डीएड धारी बेरोजगार युवाओं के लिए नई भर्ती के रास्ते बंद हो गए हैं।
2008 सेटअप में छेड़छाड़ अस्वीकार्य
संगठन की महिला प्रकोष्ठ की संगीता पाटले और प्रदेश उपाध्यक्ष भोलाराम मरकाम ने बताया कि 2008 के सेटअप के अनुसार, प्राथमिक विद्यालयों में 60 छात्रों पर एक प्रधान पाठक और दो शिक्षकों का प्रावधान था, जबकि पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में एक प्रधान पाठक और चार शिक्षकों के पद स्वीकृत थे। लेकिन अब प्रत्येक विद्यालय से एक-एक पद समाप्त कर दिया गया है, जिसने शिक्षकों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है।
कल से संभागवार धरना
संगठन के प्रदेश सचिव राधेश्याम टंडन, महामंत्री बसंत और सनत बंजारे ने बताया कि आंदोलन के दूसरे चरण में काउंसलिंग का बहिष्कार किया जाएगा। साथ ही संभाग स्तरीय धरना कार्यक्रम शुरू हो चुका है। 1 जून को दुर्ग, 2 जून को बिलासपुर, 3 जून को बस्तर और 4 जून को सरगुजा संभाग के शिक्षक चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। संगठन ने युक्तियुक्तकरण पर तत्काल रोक लगाने की मांग दोहराई है।
शिक्षक संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।