छत्तीसगढ़
Rehabilitation of Naxals : सुकमा में बदलाव की बयार…! आत्मसमर्पित नक्सलियों से Deputy CM विजय शर्मा से की सीधी बात
अब बन रहे हैं कुशल नागरिक

सुकमा, 04 जुलाई। Rehabilitation of Naxals : छत्तीसगढ़ के सुदूर नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की दिशा में एक बड़ा और सकारात्मक कदम उठाया गया है। जिले के पुनर्वास केंद्र में रह रहे आत्मसमर्पित नक्सलियों को राजमिस्त्री, कृषि उद्यमी सहित अन्य कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बीते तीन माह से जारी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल आत्मसमर्पित नक्सलियों ने गुरुवार को उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा का गर्मजोशी से ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ स्वागत किया।
शासन की नीति से प्रभावित होकर बदली जिंदगी
इस अवसर पर आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उपमुख्यमंत्री से सीधा संवाद करते हुए अपनी जीवन यात्रा और बदलाव की कहानी साझा की। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति की सराहना करते हुए कहा कि पहले उनका जीवन भ्रम और हिंसा से भरा हुआ था, लेकिन अब वे समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर एक सम्मानजनक और आत्मनिर्भर जीवन जी रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि शासन द्वारा उपलब्ध कौशल प्रशिक्षण, दस्तावेज निर्माण और योजनाओं का लाभ मिलने से उन्हें नई पहचान और दिशा मिली है। कई नक्सलियों ने यह भी स्वीकार किया कि वे लोकतांत्रिक व्यवस्था की जानकारी के अभाव में गलत रास्ते पर चले गए थे, लेकिन अब उन्हें एक नई सोच और मकसद के साथ जीवन जीने का अवसर मिला है।उपमुख्यमंत्री ने दिए जरूरी निर्देश
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने न केवल आत्मसमर्पित नक्सलियों की बातों को गंभीरता से सुना, बल्कि उनके पुनर्वास को और बेहतर बनाने के लिए कई अहम निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि—- आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक खाता जैसे सभी जरूरी दस्तावेज पुनर्वास केंद्र में ही बनाए जाएं।
- आत्मसमर्पित नक्सलियों को रायपुर, जगदलपुर जैसे शहरों का एक्सपोजर विजिट कराया जाए, जिससे वे बाहरी दुनिया को जान सकें।
- जिनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि नहीं है, उनके लिए साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया जाए।
- खेलकूद, मनोरंजन और देशभक्ति फिल्मों के माध्यम से उनमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया जाए।
- उन्हें नियमित आमदनी के स्थायी स्त्रोत से जोड़ने की दिशा में भी व्यावहारिक कदम उठाए जाएं।