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विधानसभा में DMF पर सवाल: 3 वर्षों की व्यय राशि पर DEO की चुप्पी पर JD ने जारी किया नोटिस

कोरबा। डीएमएफ के जिन्न वाली बोतल का ढक्कन अभी खुलना शुरू ही हुआ कि अफसरों को सांप सूंघ गया है। विधानसभा सत्र में सवाल उठा कि शिक्षा विभाग में बच्चों की सुविधाएं बढ़ाने, संसाधनों की जुगत करने कितनी राशि खर्च की? दी गई राशि में कुछ शेष है अथवा नहीं? स्कूलों के लिए फर्नीचर खरीदी में कितनी राशि किस फर्म को दी ऐ जब शिकायत हुई तो क्या कदम उठाया गया? इन सवालों का जवाब प्रस्तुत करने जिला शिक्षा अधिकारियों से जानकारी मंगाई गई थी पर कोरबा समेत चार जिले के डीईओ ने मानों कागजी चुप्पी साध रखी है। यह जानकारी नहीं भेजे जाने के फलस्वरूप एक्शन का रिएक्शन हुआ और शिक्षा विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर (JD) ने कोरबा डीईओ को कारण बताओ नोटिस भेज दिया है।

इन दिनों छत्तीसगढ़ की नई सरकार का पहला विधानसभा सत्र चल रहा है। बीते वर्षों में क्या खोया, क्या पाया और गड़बड़ियां कर क्या क्या गंवाया, इस पर सवाल जवाब का मंथन जारी है। इसी क्रम सदन में पूछे गए सवाल का जवाब समय पर प्रस्तुत नहीं करने वाले चार जिले के डीईओ को संभागीय सयुक्त संचालक आरपी आदित्य ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिसमें बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़ और कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी को तीन दिनों के भीतर जवाब देने निर्देशित किया गया है। अफसरों के अनुसार विधानसभा पूरक प्रश्न क्रमांक 640 में डीएमएफ फंड से जिले वार स्कूलों में किए गए व्यय की जानकारी मांगी गई थी। एक जनवरी 2021 से 30 नवंबर 2023 तक की जानकारी मांगी गई है। पर पांच फरवरी तक केवल सक्ती, जांजगीर-चांपा, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले ने जानकारी दी है। वहीं बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़ और कोरबा से जानकारी समय पर नहीं भेजी गई। जिसे लेकर जेडी ने सभी डीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

कितनी राशि से किस फर्म को फर्नीचर प्रदान करने आदेश

बीते वर्षों में सियासी तापमान को चरम पर ले जाने वाले फर्नीचर घोटाले की आंच भी एक बार फिर बढ़ती दिख रही है, जिससे अफसरों के हाथ जलने लगे हैं। इस पर बिलासपुर संभाग के स्कूलों में स्कूल शिक्षा विभाग को प्राप्त राशि के संबंध में विधायक राजेश मूणत ने प्रश्न लगाया। इसमें उन्होंने पूछा है कि शिक्षा विभाग को 1 जनवरी 2021 से 30 नवंबर 2023 तक डीएमएफ से कितनी राशि प्राप्त हुई। कितना व्यय हुआ और कितनी राशि शेष है। इसके साथ ही स्कूलों में कितनी राशि से किस फर्म को फर्नीचर प्रदान करने आदेश दिया। इसके लिए शिकायत हुई तो क्या कार्रवाई की गई।

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