
रायपुर। कांग्रेस हाईकमान अब संगठन में ऐसे नेताओं की तलाश कर रहा है जो सक्रिय होकर पार्टी को चुनावी ट्रैक पर दौड़ा सकें। राष्ट्रीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाल ही में गुजरात में साफ कहा था कि पार्टी को बारात के घोड़ों की जरूरत नहीं है, बल्कि असली रेस दौड़ने वालों की दरकार है।
राहुल गांधी के इस बयान के बाद छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और तेलंगाना में संगठनात्मक फेरबदल की चर्चा तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी निष्क्रिय नेताओं को विदाई देकर नई टीम मैदान में उतारने की तैयारी में है। इसकी शुरुआत जिला स्तर से होगी, जहां पहले चरण में जिलाध्यक्ष बदले जाने की संभावना है।
यह बदलाव बिहार चुनाव से पहले भी लागू किए जा सकते हैं। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व मानता है कि चुनावी लिहाज से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में संभावनाएं ज्यादा मजबूत हैं, इसलिए इन राज्यों में समय रहते संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने पर जोर दिया जा रहा है।