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PM मोदी बिरसा मुंडा के नाम पर सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर का रखेंगे नाम.!समूचे छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के महानायक बिरसा मुंडा के नाम पर एक भी संस्थान नहीं

 

 आदिवासी बहुल राज्य आदिवासी बहुल आकांक्षी जिला कोरबा में आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर रखा जाएगा CSPGCL के पॉवर प्लांट का नाम..!

कोरबा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) की 15,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली पहली सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना कार्य की शुरुआत करेंगे।

पूर्व में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पॉवर प्लांट का नाम पूर्व PM राजीव गांधी के नाम पर रखने की घोषणा की थी।

गांधी परिवार के नाम जिले भर में अनेक संस्थान है लेकिन आदिवासी बहुल राज्य के आदिवासी समाज व संस्कृति से समृद्ध आकांक्षी जिला कोरबा में आदिवासियों के भगवान माने जाने वाले बिरसा मुंडा के नाम पर एक भी संस्थान नहीं है। बिरसा मुंडा जिन्होंने अंग्रेजी राज में आदिवासियों के धर्मांतरण को लेकर अंग्रेजों के विरुद्ध छापामार युद्ध किया, आदिवासी समुदाय के इस महानायक के नाम पर CSPGCL की सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना का नाम रखेंगे तो एक बड़ा संदेश समूचे छत्तीसगढ़ के साथ ही पूरे देश में आदिवासी समाज के बीच जाएगा।

स्वाभाविक रूप से जब पॉवर प्लांट का नाम वीर बिरसा मुंडा के नाम पर किया जाएगा तो आदिवासी समाज में जो नई मुंडा के नाम से अपरिचित हैं वे अपने महानायक को गूगल पर सर्च करेंगे और अपने महानायक की जीवनी से प्रभावित होकर धर्मांतरण से दूरी बनाकर अपने संस्कृति के संरक्षण की दिशा में काम करेंगे और अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देशभर में बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके अनुरूप, सस्ती और विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराने और छत्तीसगढ़ को बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठाए जाएंगे। वह बिलासपुर जिले में स्थित एनटीपीसी की सीपत सुपर थर्मल पावर परियोजना चरण- III (1×800एमडब्ल्यू) की आधारशिला रखेंगे, जिसकी लागत 9,790 करोड़ रुपये से अधिक है। यह पिट हेड परियोजना उच्च बिजली उत्पादन दक्षता के साथ अत्याधुनिक अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक पर आधारित है। वह छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) की 15,800 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली पहली सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना (2X660एमडब्ल्यू) के कार्य की शुरुआत करेंगे। वह पश्चिमी क्षेत्र विस्तार योजना (डब्ल्यूआरईएस) के तहत 560 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली पावरग्रिड की तीन विद्युत पारेषण परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
इसके साथ ही और भी अनेक लोककल्याणकारी योजनाओं का वे शिलान्यास, लोकार्पण करेंगे।

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