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Petrol Diesel Price: पेट्रोल-डीजल जल्द होगा सस्ता, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दिया इशारा

नई दिल्ली। (Petrol Diesel Price) पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अगर मौजूदा वैश्विक हालात ऐसे ही बने रहे और कच्चे तेल की कीमतें मौजूदा 65 डॉलर के आसपास बनी रहीं तो तीन-चार महीनों में देश में पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतों में कमी आ सकती है। देश में हाइड्रोकार्बन क्षेत्र पर आयोजित सबसे बड़े सेमिनार ‘ऊर्जा वार्ता-2025’ को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा कि सरकारी क्षेत्र की सभी तेल कंपनियों के पास 21 दिनों का भंडार है।

Petrol Diesel Price: भारत के पास पर्याप्त तेल भंडार

उन्होंने कहा कि हम अपनी जरूरत के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में जहां एनर्जी उपलब्ध होती है, वहां से खरीद रहे हैं और आगे भी ऐसा किया जाएगा। जहां तक किसी एक देश से तेल खरीदने की बात है तो अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी कच्चे तेल के पर्याप्त विक्रेता है और भारत के पास पर्याप्त तेल भंडार भी है।

 

Petrol Diesel Price: फिलहाल 40 देशों से खरीद रहे कच्चा तेल

पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, ‘वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है। कई नए तेल विक्रेता आ गए हैं। गुयाना, अर्जेंटीना, ब्राजील जैसे गैर-पारंपरिक देशों से भारत ज्यादा तेल की खरीद कर रहा है। दूसरे पश्चिमी क्षेत्रों से भी तेल की आपूर्ति बढ़ रही है। हम पहले जिन 27 देशों से तेल खरीदते थे, अब उनकी संख्या लगभग 40 देशों तक पहुंच गई है। पिछले छह महीने में वैश्विक स्तर पर काफी ज्यादा अस्थिरता होने के बावजूद कीमतों में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुआ। मुझे लगता है कि आने वाले समय में कीमतें 65-70 डॉलर प्रति बैरल के बीच में ही रहेंगी।

Petrol Diesel Price: मुख्य आपूर्तिकर्ता बना हुआ रूस

उन्होंने कहा कि भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है और इसे रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है। परंपरागत तौर पर पश्चिम एशिया मुख्य स्त्रोता था, लेकिन रूस लगभग तीन सालों से मुख्य आपूर्तिकर्ता बना हुआ है।

Petrol Diesel Price: भारी छूट की पेशकश शुरू

फरवरी, 2022 में मास्को द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिम के अधिकांश देशों ने रूसी कच्चे तेल से दूरी बना ली। रूस ने वैकल्पिक खरीदारों को आकर्षित करने के लिए भारी छूट की पेशकश शुरू कर दी। भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों ने इस अवसर का फायदा उठाया और रूस भारत का सबसे बड़ा कच्चा तेल का आपूर्तिकर्ता बन गया। अब भारत के तेल आयात में रूस का हिस्सा 40 प्रतिशत तक है।

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