
मोहाली: पंजाब के मोहाली जिले के जीरकपुर में एक महिला के साथ दुष्कर्म के मामले में आरोपी पादरी बजिंदर सिंह को मोहाली की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद पुलिस ने पादरी को हिरासत में ले लिया था और वर्तमान में वह पटियाला जेल में बंद है। यह मामला 2018 का है, जब जीरकपुर की एक महिला ने बजिंदर सिंह पर यौन शोषण और दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
Pastor Bajinder Singh: कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला
पादरी बजिंदर सिंह सोमवार को अदालत में पेश हुए थे। उस दिन सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुनवाई से पहले, बजिंदर के वकील एचएस धानोआ ने कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें बताया गया था कि 3 मार्च को उनके मुवक्किल अस्पताल में भर्ती थे, जिसके कारण वह उस दिन पेश नहीं हो सके। इसके लिए पेशी से छूट की मांग की गई थी। सरकारी वकील और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने बजिंदर के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को रद्द कर दिया और अगली सुनवाई के लिए 24 मार्च की तारीख तय की थी। अंततः, 28 मार्च को कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया और 31 मार्च को सजा का ऐलान किया।
Pastor Bajinder Singh: पहले भी हो चुकी है गिरफ्तारी
इससे पहले भी बजिंदर सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यह घटना तब हुई थी जब वह इंग्लैंड के बर्मिंघम में एक सेमिनार में शामिल होने के लिए दिल्ली हवाई अड्डे पर फ्लाइट लेने पहुंचे थे। जुलाई 2018 में पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया था, जब वह लंदन भागने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन यह मामला उनके खिलाफ लगातार चलता रहा।
Pastor Bajinder Singh: वायरल वीडियो ने बढ़ाया विवाद
पादरी बजिंदर सिंह उस समय और चर्चा में आए थे, जब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। यह वीडियो 14 फरवरी 2025 का था, जो 16 मार्च को सामने आया। इसमें वह एक महिला के साथ मारपीट करते नजर आए। वीडियो में बजिंदर ने महिला को थप्पड़ मारा और एक बच्चे के साथ बैठी उसी महिला के मुंह पर कॉपी फेंक कर मारी। यह महिला उनके साथ काम करती थी। इस घटना के बाद उनके खिलाफ लोगों में गुस्सा भड़क उठा था और एक अन्य महिला ने भी उनके खिलाफ मारपीट और यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी।
Pastor Bajinder Singh: क्या है मामला जिसमें कोर्ट ने सुनाई सजा
2018 में जीरकपुर पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर बजिंदर सिंह और छह अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पीड़िता का आरोप था कि बजिंदर ने चमत्कार के नाम पर उसका यौन शोषण किया और उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कर उसे ब्लैकमेल किया। मामले में कुल सात आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), 420 (धोखाधड़ी), 354 (महिला की लज्जा भंग करना), और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा चलाया गया था। हालांकि, सबूतों के अभाव में पांच अन्य आरोपियों को बरी कर दिया गया था।