
कोरबा। सरायपाली कोल माइंस में हुए सनसनीखेज मर्डर केस का आरोपी असिस्टेंट जनरल मैनेजर (AGM) सुरेन्द्र चौहान अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। सूत्रों का कहना है कि चौहान ड्यूटी से अचानक छुट्टी लेकर फरारी काट रहा है और पुलिस को चकमा देने के लिए जगह-जगह ठिकाना बदल रहा है।
गौरतलब है कि कोल लिफ्टर की संदिग्ध मौत के मामले में कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एजीएम सुरेंद्र चौहान पर हत्या में शामिल होने का आरोप तय हुआ। लेकिन हैरानी की बात है कि आदेश के 23 दिन बाद भी पाली पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई। कोर्ट की सख्ती और जनता की नाराजगी के बावजूद पुलिस की यह नाकामी अब उसकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
इन धाराओं के तहत किया गया है वारंट जारी
वारंट के अनुसार आरोपी चौहान, पिता रामध्यान सिंह चौहान, निवासी मोहम्मदपुर कालेज महुवा थाना महराजगंज जिला गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) को धारा 120B, 34(2), 190, 191, 193, 194 भारतीय दंड संहिता तथा BNS की धारा 23-27 के तहत गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया है। अदालत ने साफ कहा है कि अब आरोपी को हर हाल में गिरफ्तार कर पेश किया जाए।
थाना एसआई के भरोसे, फजीहत का आलम
महकमे के जानकार दबी जुबां में यह तक कह रहे हैं कि जब थाना एसआई के भरोसे चलेगा तो बड़ी कार्रवाई की उम्मीद कैसे की जा सकती है। अधिकारी खुद मान रहे हैं कि केस की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस को जिस चुस्ती से काम करना चाहिए था, वैसा हो ही नहीं रहा।
आसमान खा गया या जमीन निगल गई?
कहावत है कि कानून के हाथ लंबे होते हैं और अपराधी ज्यादा देर तक पुलिस की पकड़ से बच नहीं पाता। लेकिन इस केस ने उस कहावत पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। 23 दिन गुजर जाने के बाद भी चौहान न तो पुलिस की गिरफ्त में आया और न ही उसका ठिकाना साफ हो पाया। स्थानीय लोग तंज कसते हुए कह रहे हैं, “आखिर चौहान कहां है? आसमान ने खा लिया या जमीन ने निगल लिया?”
जनमानस का गुस्सा बढ़ा
लोगों का कहना है कि छोटे-मोटे मामलों में पुलिस चौबीस घंटे में आरोपी को पकड़ लेती है, लेकिन रसूखदारों के सामने उसके हाथ-पैर फूल जाते हैं। चौहान की गिरफ्तारी में हो रही ढिलाई अब पाली पुलिस की छवि को दागदार बना रही है और जनता खुलकर नाराजगी जता रही है।