कोरबा

New Beginnings in School : कोरबा में ज्ञान की नई सुबह…! स्कूलों में अब बच्चों की दिनचर्या का हिस्सा बना अखबार

डीएमएफ फंड से ‘न्यूज़ पेपर स्टैंड’ की स्थापना

कोरबा, 09 नवंबर। New Beginnings in School : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के स्कूलों में अब हर सुबह एक नई शुरुआत होती है। जहाँ पहले बच्चों के हाथों में केवल किताबें होती थीं, अब वहीं अखबार भी उनके साथ चलता है। यह बदलाव जिला प्रशासन की एक अभिनव पहल का नतीजा है,  जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को समसामयिक घटनाओं से जोड़ना और करियर निर्माण की दिशा में जागरूक बनाना है।

कोरबा जिला प्रशासन ने डीएमएफ (District Mineral Foundation) फंड के माध्यम से जिले के सभी हाई और हायर सेकेंडरी स्कूलों में न्यूज़ पेपर स्टैंड लगवाए हैं। अब हर स्कूल में रोज़ाना नए अखबार उपलब्ध कराए जाते हैं, ताकि छात्र-छात्राएं पढ़ाई के साथ देश-दुनिया की जानकारी से भी जुड़ सकें।

किताबों से आगे बढ़कर अब ‘खबरों से सीख’

पहले जहाँ बच्चे केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित थे, वहीं अब वे सुबह स्कूल में प्रवेश करते ही अखबारों पर नजर डालते हैं।
देश, राज्य और अपने जिले से जुड़ी खबरें पढ़ते हुए उनमें नई जिज्ञासा, नई दृष्टि और आत्मविश्वास का संचार हो रहा है।

पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के ग्राम लेंगी हाईस्कूल की छात्रा समीना कहती है, अब हमें सिर्फ किताबों से ही नहीं, बल्कि अखबार से भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है। देश-विदेश की खबरें पढ़कर समझ आता है कि बाहर की दुनिया कितनी बड़ी है और हम उसमें क्या बन सकते हैं।

उसकी सहपाठिनी सोनी मार्को और कल्याणी बताती हैं कि अखबार पढ़ने से उन्हें परीक्षाओं की तैयारी और सामान्य ज्ञान दोनों में मदद मिलती है।

करियर की दिशा में मददगार

कोरबा ब्लॉक के ग्राम अजगरबहार हायर सेकेंडरी स्कूल की 12वीं की छात्रा आरती, ममता, सुनीता और लक्षमनिया बताती हैं, हम कॉलेज में पढ़ाई करना चाहती हैं। अखबार पढ़कर हमें पता चलता है कि कौन-कौन से कोर्स हैं, कौन से कॉलेज अच्छे हैं और देश में क्या नई योजनाएं चल रही हैं।

इन छात्राओं के अनुसार, अखबार अब सिर्फ सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि भविष्य की राह दिखाने वाला साथी बन गया है।

बदलाव की दिशा में बड़ी पहल

यह पहल ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में विद्यार्थियों की सोच को खुलापन और दिशा दे रही है। शिक्षकों का कहना है कि अब बच्चे कक्षा में अधिक सवाल पूछते हैं, समाचारों पर विचार-विमर्श करते हैं, और आत्मविश्वास से भरे हुए दिखते हैं।

‘सुबह की घंटी’ अब नई सोच की प्रतीक

कोरबा के स्कूलों में अब सुबह की घंटी सिर्फ कक्षाओं के आरंभ का संकेत नहीं देती, बल्कि यह बताती है कि ज्ञान का नया द्वार खुल चुका है।

जिला प्रशासन की यह पहल साबित करती है कि अगर अवसर और संसाधन सही दिशा में लगाए जाएं, तो हर बच्चा समाज को बदलने की ताकत रखता है। यह सिर्फ अखबार पढ़ने की पहल नहीं, बल्कि भविष्य गढ़ने की शुरुआत है।

कोरबा जिले के स्कूलों में हुई अब एक नई सुबह की शुरुआत

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button