कटाक्ष
minister-and-coconut: दो नावों पर शान की सवारी.. ए बी सी डी और ईडी ,आगे बेबश अधिकारी..आका गए क्या होगा अब.
दो नावों पर शान की सवारी, थानेदारी पर भारी…?
हमें बचपन से सिखाया जाता है कि दो नावों की सवारी करने वाला अक्सर डूब जाता है। लेकिन, खाकी के खिलाड़ी दो नावों की सवारी को शान की सवारी समझ रहे हैं। हां ये बात अलग है उनकी सवारी थानेदारी पर भारी पड़ रही है। तभी तो कुछ दिन पहले तक शांत रहने वाला एल्युमिनियम नगर धरना प्रदर्शन का गढ़ बन गया है।
हालांकि प्लांट में हुए धरना प्रदर्शन के पीछे की कहानी लोगों की समझ से अब तक परे है। अब बात अगर दूसरे नाव की करें तो वहां भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पिछले महीने चौकी से फरार हुए कबाड़ चोर को टीम पकड़ने में असफल रही है।
मतलब दोनों नावों की सवारी साहब को भारी पड़ रही है। कहा तो यह भी जा रहा है कि साहब के कुशल मार्गदर्शन में कोयलांचल की खदान से काला हीरा निकालने की पटकथा लिखी जा रही है। हालांकि कोयला निकालने में सफलता मिलेगी या कुछ और…!
ए बी सी डी और ईडी
छत्तीसगढ़ में कोल ट्रांसपोटिंग और करप्शन के मामले को लेकर ईडी की टीम का डेरा इस साल तो उठने से रहा और अगले साल चुनाव होने वाले हैं। यानि प्रदेश में गहमा गहमी बनी रहेगी। सरकार के दो बड़े अफसर और कोयला कारोबारी पहले से जेल में हैं। जिन्हें पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है।
करप्शन मामलों के जानकारों का कहना है ईडी अब ए बी सी डी यानि अंग्रेजी के पूरे 26 अक्षर खंगाल रही है, जिससे 5 पांच करोड़ के फर्जीवाड़ा की स्क्रिप्ट तैयार की गई थी, यानि कौन कौन और कहां कहां क्या हुआ उसकी पूरी कुंडली तैयार हो रही है।
करप्शन के इस पैंडोरा बाक्स में अभी कई अफसरों पर ईडी की नजर है। कड़ी से कड़ी मिलाई जा रही है। कड़ी मिल गई तो फिर …। बताया जा रहा है कि इस करोबार में जमीन की रजिस्ट्री से जुड़े बड़े अधिकारी और पुलिस के अफसर भी ईडी के रेडार पर हैं। देखने वाली बात ये होगी कि ईडी की ए बी सी डी में और कितने नाम सामने आने बाकी हैं।